मोतिहारी: जिले में नीली क्रांति का असर मछली के उत्पादन में अब दिखने लगा है. इससे मछली का उत्पादन तीन गुणा बढ़ा है. जिसका लाभ जिले के मछुआरों और अन्य मछली पालकों को होने लगा है. लिहाजा जिले में नीली क्रांति के अंतर्गत मछली पालकों की बढ़ती आय को देखकर अब यहां के किसान भी मछली पालन की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
मोतिहारी में दिखने लगा है नीली क्रांति का असर, मछली पालकों की आय कई गुणा बढ़ी - मोतिहारी में नीली क्रांति का असर
संस्थान ने लोगों में मछली पालन को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए रविवार को रुलही मन के किनारे मत्स्य उत्सव के तहत एकदिवसीय फिशिंग मेला का आयोजन किया.
नर्सरी तालाब का निर्माण
जिले में मछली उत्पादन बढ़ाने में बैरकपुर कोलकाता की केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान सहयोग कर रही है. संस्थान ने लोगों में मछली पालन को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए रविवार को रुलही मन के किनारे मत्स्य उत्सव के तहत एकदिवसीय फिशिंग मेला का आयोजन किया. इस मौके पर उपस्थित जिला मत्स्य पदाधिकारी संत कुमार सिंह ने बताया कि बड़ी योजनाओं के अंतर्गत सिफरी तकनीक के साथ नर्सरी तलाब का निर्माण कराया गया है.
हजारों मछली पालक लाभान्वित
संत कुमार सिंह ने कहा कि इन तकनीकों का उपयोग कर मछुआरे साल भर मछली के बच्चे की पैदावार कर सकते हैं. बता दें भारत सरकार की एनएफडीबी की मदद से रुलही, कररिया, सिरसा, मंझरिया, सहित कोठिया मन का विकास कर उसमें मछली पालन किया जा रहा है. जिससे हजारों मछली पालक परिवार लाभान्वित हो रहे हैं. जिले के पांच मन का विकास कर उसमें मत्स्य पालन करने से उसका लाभ अब सीधे मछुआरों को मिलने लगा है.