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ग्राउंड रिपोर्ट : टापू में तब्दील हुआ मोतिहारी सदर अस्पताल, जरा आप भी देखिए - bihar news

पानी निकलने के लिए अस्पताल के चारों तरफ नालियां तो हैं लेकिन वह सफाई के बिना जाम पड़ी हुईं है. इस बारिश ने हॉस्पिटल प्रशासन और नगर निगम की खुली पोल खोलकर रख दी है.

सदर अस्पताल

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Published : Jul 13, 2019, 2:38 PM IST

Updated : Jul 13, 2019, 2:59 PM IST

मोतिहारीः जिले का सदर अस्पताल तालाब है या अस्पताल इसका पता आप नहीं लगा पाएंगे. लगातार हो रही बारिश के पानी ने इसे तालाब बन दिया है. पिछले पांच दिनों से हो रही मुसलाधार बारिश ने जिला प्रशासन के साथ-साथ नगर परिषद व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. हालात यह हैं कि पोस्टमॉर्टम के बाद मृतकों के परिजन अपने हाथों पर या रिक्शे पर शव को ले जा रहे हैं. मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल में इलाज के लिए आने पर घुटने भर पानी डूबना पड़ रहा है. पुरा हॉस्पिटल पानी में डूब चुका है. वहीं, अस्पताल प्रबंधन इस आफत की घड़ी में मरीजों को अपने हाल पर छोड़कर लापता है.

बारिश में नगर निगम की खुली पोल
दरअसल, पिछले पांच दिनों से पूर्वी चंपारण जिला में लगातार बारिश हो रही है. जिससे शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. वहीं, जिले का सदर अस्पताल तालाब बना हुआ है. बारिश का पानी अस्पताल परिसर में लबालब भरा हुआ है. जल निकासी का जो रास्ता है वह बंद पड़ा है. इसकी वजह से अस्पताल में पानी का जमाव हो गया है. इस बारिश में नगर निगम की पोल खुलकर रह गई है.

अस्पताल प्रबंधन नहीं ले रहा मरीजों की सूध
अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस आफत की घड़ी में मरीजों को अपने हाल पर छोड़कर लापता है. अस्पताल में भारी मात्रा में हुए जलजमाव से राहत के लिए कोई उपाय होता नहीं दिख रहा है. जबकि अस्पताल के चारों तरफ नालियां हैं और वह सफाई के बिना जाम पड़ी हुईं है. जल निकासी नहीं होने से मरीज और उनके परिजन बेहाल हैं. मरीजों को डॉक्टर तक लेके जाने के लिए परिजनों काफी मुशकिल का सामना करना पड़ रहा है.

मृतकों का शव हाथ में लेकर जा रहे परिजन
आसमान से हो रही आफत की बारिश से एक बच्ची समेत दो लोगों की मौत हो गई है. जिनके शव का पोस्टमॉर्टम सदर अस्पताल में किया गया. लेकिन अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था भी इस बारिश के पानी में बह गई है. पोस्टमॉर्टम के बाद मृतक के परिजन शव को हाथों में लेकर अस्पताल से बाहर निकलने को मजबूर हैं. ताकि अपने गाड़ी से मृतक के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जा सकें. वहीं, एक शव को रिक्शा पर लादकर ले जाया गया. सरकार के दावों के विपरित मानवता को शर्मसार करने वाले इस मामले में जबाब देने के लिए कोई अधिकारी अस्पताल में मैजूद नहीं है.

Last Updated : Jul 13, 2019, 2:59 PM IST

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