मोतिहारी: जिला उर्वरक निगरानी समिति (Fertilizer Monitoring Committee) की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीएम के अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में गन्ना उद्योग एवं विधि मंत्री व सदर विधायक प्रमोद कुमार समेत जिला के सभी विधायक और विधान पार्षद मौजूद थे. जिलाधिकारी ने उर्वरक निगरानी समिति के दायित्वों के बारे में जनप्रतिनिधियों को बताया.
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डीएम ने बताया कि इस खरीफ मौसम में धान का आच्छादन का लक्ष्य एक लाख 83 हजार हेक्टेयर रखा गया है. जिसमें 54 प्रतिशत धान का बिचड़ा लगा दिया गया है. उन्होंने बताया कि धान की रोपनी अभी शुरू नहीं हुई है. जबकि मक्का के अच्छादन का लक्ष्य 12 हजार हेक्टेयर रखा गया है.
माहवार उर्वरक के आवश्यकता की जानकारी दी
डीएम ने उर्वरक के माहवार आवश्यकता के बारे में जनप्रतिनिधियों को बताया गया. उन्होंने बताया कि अप्रैल से सितंबर तक 48 हजार 683 मीट्रिक टन यूरिया, 15 हजार 966 मीट्रिक टन डीएपी, 4,500 मीट्रिक मीट्रिक टन , 9 हजार 293 मीट्रिक टन एनपीके, 4,800 मीट्रिक टन एसएसपी की आवश्यकता है.
डीएम ने बताया अप्रैल से 10 जून तक 18360.9 मीट्रिक टन उर्वरक की बिक्री हुई है. अभी 3,060 मीट्रिक टन उर्वरक शेष है. जिलाधिकारी ने बताया कि सभी उर्वरकों के दाम विभिन्न कंपनियों द्वारा निर्धारित किया गया है. डीएम ने बताया कि 20-21 में 106 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई. जिसमें 3 पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
वहीं 9 दुकानों का लाइसेंस रद्द किया गया है. जबकि 18 का दुकानों का निबंधन निलंबन किया गया है.
जनप्रतिनिधियों ने भी दिए कई सुझाव
डीएम ने बताया कि जिला में 1,614 उर्वरक के खुदरा लाइसेंसधारी दुकान है. थोक उर्वरक लाइसेंस धारियों की संख्या 50 है. जबकि खुदरा बीज लाइसेंसधारियों की संख्या 1,146 है. कीटनाशक लाइसेंसधारियों की संख्या 162 है. वहीं, इफको ई बाजार लाइसेंस धारी की संख्या 7 है. बैठक में डीएम ने सभी जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों पर अमल करने की बात कही.