मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. राज्य में तीसरे सबसे बड़े जाली नोट के खेप को बरामद करने में पुलिस सफल (Fake Note In Motihari) रही है. जाली नोटों के साथ चार तस्कर को गिरफ्तार (Four Fake Note Smugglers Arrested In Motihari) किया गया है. गिरफ्तार स्मगलरों के निशानदेही पर पुलिस ने नोट छापने वाला प्रिंटर और पेपर भी बरामद किया है. दरअसल छतौनी पुलिस को शहर के एक होटल के पास भारतीय जाली नोट की डिलीवरी होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद टेक्निकल सेल से तहकीकात कराने के बाद सदर डीएसपी अरुण कुमार गुप्ता के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया.
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फेक नोट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ :गठितटीम ने छतौनी के एक मीट हाउस के पास छापेमारी की. जहां से आठ लाख रुपया का जाली नोट, एक कट्टा और जिंदा कारतूस के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया. एसपी कुमार आशीष ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों की निशानदेही पर पिपरा थाना क्षेत्र के ओवर ब्रिज के पास एक साइबर कैफे में छापेमारी की गई. जहां से जाली नोट छापने वाला प्रिंटर, लैपटॉप और तीन बंडल पेपर बरामद किया गया. एसपी के अनुसार तस्करों ने पौने दो लाख रुपए का जाली नोट देश के अन्य क्षेत्रों में खपाने की बात स्वीकार की है. तस्कर दो लाख असली भारतीय रुपया लेकर पांच लाख का जाली नोट देते थे.
'जाली नोट के धंधे का मुख्य मास्टर माइंड पिपरा थाना क्षेत्र के चिंतावनपुर का रहने वाला संदीप सहनी है. उसने पिपरा थाना के बेदिबन मधुबन के रहने वाले राजेश कुमार के साइबर कैफे में डेढ़ माह पूर्व यूट्यूब से जाली नोट बनाने का तरीका सीखा और जाली नोट छापने का धंधा शुरू कर दिया. राजेश का साइबर कैफे पिपरा ओबर ब्रिज के पास है. संदीप पूर्व में पौने दो लाख रुपए छाप कर मार्केट में भेजा दिया था. इस बार वह एक साथ आठ लाख रुपए छाप कर खपाने वाला था. जिसकी भनक पुलिस को लग गई और वह पकड़ा गया. हालांकि इसके लिंक की भी जांच की जा रही है. गिरफ्तार तस्करों में सरगना संदीप और राजेश के अलावा शिवहर जिला के परसौनी तैयब गांव का दीपक कुमार और कोठिया गांव का सुबोध कुमार शामिल हैं.'- डॉ. कुमार आशीष, एसपी