मोतिहारी: बढ़ रहे प्रदूषण और गर्मी के दिनों में गिरते भूगर्भीय जल को बनाए रखने के उद्देश्य से सरकार ने सभी पारंपरिक जल श्रोतों को पुर्नजीवित करने का निर्णय लिया है. लिहाजा सभी जलश्रोतों पर से अतिक्रमण हटाने के अलावा सूख चुके जलश्रोतों को पुराने स्वरूप में लाने का भी सरकार ने निर्देश दिया है. इसी क्रम में जिला मुख्यालय मोतिहारी के ऐतिहासिकता से जुड़े मोतीझील का अतिक्रमण आगामी 14 दिसंबर से हटाने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है.
डीएम ने किया निरीक्षण
डीएम ने गुरुवार को मोतीझील का निरीक्षण किया और मौजूद अधिकारियों को मोतीझील को मूल स्वरुप में लाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का निर्देश दिया. उन्होंने आम लोगों से भी अपील की कि वह मोतीझील के अतिक्रमण को हटाने में उनका सहयोग करें. उन्होंने कहा कि मोतीझील मोतिहारी के लोगों की धरोहर है. उसे नष्ट होने से बचाना है. डीएम ने कहा कि मोतीझील का अतिक्रमण कराने में सहयोग करने वाले सरकारी कर्मचारियों को चिन्हित किया जा रहा है, जिन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.