मोतिहारी:भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल के सीमाई क्षेत्रों में ईंट भट्ठा पर अभियान चलाकर उत्तर प्रदेश के कई मजदूरों को पूर्वी चंपारण पुलिस ने मुक्त कराया है. मुक्त कराये गए सभी मजदूरों को पुलिस ने श्रम विभाग को सौंप दिया है. इस अभियान में 15 बाल मजदूर, दस महिला और नौ पुरुषों को मुक्त कराया गया है.
34 मजदूरों को कराया गया मुक्त: सभी को सरकारी खर्च पर जिला प्रशासन ने भोजन और कुछ भत्ता देकर उनके घर भेजा. सभी मजदूरों से बिना भोजन और मजदूरी के काम कराया जा रहा था, जिसकी जानकारी मिलने पर जिला पुलिस, एसएसबी और नेपाल पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर इन मजदूरों की भारत वापसी करवायी.
ना खाने की व्यवस्था.. ना शौचालय: श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश ने बताया कि नेपाल के ईंट भट्ठा में जबरन कार्य कराये जाने की सूचना मिलने के बाद जिला पुलिस के सहयोग से सभी मजदूरों को मोतिहारी लाया गया. ईंट भट्ठा पर इस ठंड के मौसम में भी रहने खाने और शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई थी.
"शुरुआत में ठेकेदार द्वारा सिर्फ 500 रुपया दिया गया था, जबकि ईंट भट्ठा मालिक महीना के अंत में मजदूरी देने की बात कह रहा था. जिस कारण इन मजदूरों के सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई थी. मजदूरों ने अपने परिजनों को मोबाइल पर सारी बातें बतायी थीं."-सत्य प्रकाश, श्रम अधीक्षक, मोतिहारी
यूपी के मुरादाबाद के हैं सभी मजदूर: परिजनों के माध्यम से जिला प्रशासन को जानकारी मिली. उसके बाद डीएम और एसपी के सहयोग से इन मजदूरों को नेपाल से वापस लाया गया. ये लोग भूखे थे. इन्हें खाना खिलाया गया. कम्बल दिया गया और ट्रेन का टिकट कटाकर पांच सौ रुपया नकद देकर सभी को उनके घर भेजा गया है.
'पैसे नहीं दे रहा था मालिक': नेपाल के ईंट भट्ठे से मुक्त कराये गए सभी 34 मजदूर उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद और रामपुर के रहने वाले हैं. जिन मजदूरों को ठेकेदार के माध्यम से ईंट भट्ठा पर काम करने के लिए जितना थाना क्षेत्र से सटे नेपाल के सीमाई इलाकों में लाया गया था. ठेकेदार पहले दिन सभी को नेपाली पांच-पांच सौ रुपया देकर चला गया, जो खाने में खर्च हो गया. खाना के लिए पैसा मांगने पर ईंट भट्ठा मालिक भोजन का पैसा नहीं दे रहा था.
15 बाल मजदूर भी शामिल: मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार भी फोन नहीं उठा रहा था. उसके बाद मजदूरों ने अपने परिजनों को सारी बातें बतायी. परिजनों ने जिला प्रशासन को सारी जानकारी दी.उसके बाद एसपी के निर्देश पर सिकरहना डीएसपी के नेतृत्व में जिला पुलिस ने एसएसबी और नेपाल पुलिस ने संयुक्त रुप से कार्रवाई कर 15 बाल मजदूरों समेत 34 मजदूरों को मुक्त कराया.
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