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मोतिहारीः प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए डीएम ने उद्यमियों के साथ की बैठक - रोजगार देने की घोषणा

जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने में जुटी हुई है. सरकार भी लोगों के स्किल के आधार पर विभिन्न योजनाओं के जरिए प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध करा रही है. मनरेगा, सड़क निर्माण, जल जीवन हरियाली आदि योजनाओं के तहत प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार सृजन किया जा रहा है.

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Published : Jun 24, 2020, 7:20 AM IST

पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने जिले के उद्यमियों के साथ समाहरणालय स्थित राधाकृष्णन भवन में बैठक की. इसमें डीएम ने घर लौटे प्रवासी मजदूरों को स्किल के आधार पर रोजगार देने की अपील की. जिस पर उद्यमियों ने भी अपनी सहमति जताई.

रोजगार उपलब्ध कराने की अपील
जिलाधिकारी ने बताया कि बाहर से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं चल रही हैं. इसके बावजूद उद्यमियों से भी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की अपील की गई है.

मीटिंग के दौरान उद्यमी

लाखों मजदूर लौटे घर
बैठक में डीएम ने उद्यमियों से उनकी समस्याओं की जानकारी ली और उसके निदान का भरोसा दिया. दरअसल कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर अपने घर लौटे हैं.

डीएम शीर्षत कपिल अशोक

स्किल के आधार पर रोजगार
जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने में जुटी हुई है. सरकार भी लोगों के स्किल के आधार पर विभिन्न योजनाओं के जरिए प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध करा रही है. मनरेगा, सड़क निर्माण, जल जीवन हरियाली आदि योजनाओं के तहत प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार सृजन किया जा है.

देखें रिपोर्ट

दूसरे राज्यों में पलायन
बता दें कि बिहार में कल कारखानों की कमी से रोजगार की किल्लत है. जिससे हर साल बड़ी संख्या में लोग यहां से रोजी रोटी की तलाश दूसरे राज्यों में पलायन कर लेते हैं. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में कामकाज बंद होने से लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.

श्रमिक स्पेशल ट्रेन
बिहार सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाकर कई राज्यों से मजदूरों को वापस बुलाया. साथ ही उन्हें अपने राज्य में रोजगार देने की घोषणा भी की. जिससे प्रवासियों को फिर से पलायन न करना पड़े.

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