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मोतिहारी: पानी के दबाव से टूटा डायवर्सन, लोगों की बढ़ी परेशानी

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Published : Jun 22, 2021, 10:42 PM IST

मोतिहारी (Motihari) में कछुआ बिहारी नदी पर बना डायवर्सन पानी (Diversion Broken) के दबाव से टूट गया. इसकी वजह से इस क्षेत्र के लोगों की परेशानियां बढ़ गयी है.

motihari diversion
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मोतिहारी:पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल अनुमंडल (Pakdi Dayal Subdivision) क्षेत्र स्थित पताही-शेखपुरवा रोड में कछुआ बिहारी नदी पर बना डायवर्सन (Diversion) पानी के दबाव से टूट गया है. डायवर्सन टूटनेसे इस क्षेत्र में आवागमन प्रभावित हुआ है. यह डायवर्सन पताही और फेनहारा प्रखंड के कई गांवों को अनुमंडल और जिला मुख्यालय से जोड़ता है.

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पानी के दबाव से बहा डायवर्सन
बताया जाता है कि पताही-शेखपुरवा रोड (Patahi Sheikhpurwa Road) में कछुआ बिहारी नदी आरसीसी पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसे लेकर निर्माण एजेंसी ने लोगों के अलावा छोटे वाहनों के आवागमन के लिए डायवर्सन बनाया था. जो नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी का दबाव बर्दाश्त नहीं कर सका और बह गया.

लोगों की बढ़ी परेशानियां
डायवर्सन के बहने से इस क्षेत्र के लोगों की परेशानियां बढ़ गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण एजेंसी ने कच्ची मिट्टी से कमजोर डायवर्सन बनाया था. जिस कारण वह बह गया. क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन से डायवर्सन की मरम्मती जल्द-से-जल्द कराकर आवागमन सुचारु करने की मांग की है.

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कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति
बता दें कि गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से मोतिहारी के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. नदी के तट के किनारे बसे गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. गंडक बराज से लगातार पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है. जिस कारण जिला से होकर बहने वाली गंडक नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है और तटबंध के अंदर बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

जलस्तर और तटबंध का जायजा
17 जून को डीएम शीर्षत कपिल अशोक संग्रामपुर प्रखंड भी पहुंचे थे. जहां उन्होंने गंडक नदी के जलस्तर और तटबंध का जायजा लिया. बता दें कि, जिला में गंडक नदी पर 60 किलोमीटर लंबा तटबंध है. जिसके निगरानी के लिए प्रत्येक किलोमीटर पर गश्ती दल के साथ दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति होगी. तटबंध की लगातार निगरानी के लिए गंडक नदी के बांध पर लाइट और जनरेटर की व्यवस्था भी की जाएगी.

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अधिकांश नदियों का बढ़ा जलस्तर
लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकांश नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ग्रामीणों को डर सता रहा है कि अभी तो मानसून की पहली बारिश ही हुई है, अभी तो पूरा मॉनसून बाकी है. हालात ऐसे ही रहे तो कटाव और बाढ़ के खतरों के बीच जिंदगी कैसे चलेगी?

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