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ग्राउंड रिपोर्ट: कोरोना के साथ बाढ़ की परेशानी, दरभंगा शहर हुआ पानी-पानी

दरभंगा शहर में बागमती नदी का पानी घुस गया है. शहर के कई वार्ड इससे पूरी तरह प्रभावित हुए हैं. वहीं, लोगों को प्रशासन से अब तक कोई मदद नहीं मिली है.

Yuj
Hjn

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Published : Jul 25, 2020, 8:24 PM IST

दरभंगा: शहर के किनारे से बहने वाली बागमती अब शहर के अंदर भी बह रही है. शहर के पश्चिमी इलाके के वार्ड 8, 9, 22 और 23 में एक तरफ से बागमती का पानी घुस चुका है तो दूसरी तरफ से अधवारा समूह की करेह नदी का पानी भी प्रवेश कर गया है. ये पानी लगातार बढ़ रहा है.

35 हजार की आबादी प्रभावित
इस बाढ़ से तकरीबन 35 हजार की शहरी आबादी इससे प्रभावित हुई है. सड़क पर फीट तक पानी बह रहा है तो घरों में भी 2 फीट पानी के बीच लोग फंसे हुए हैं. लोग ठेलों और पानी में चौकियां लगा कर शरण ले रहे हैं. लोगों का कहना है कि न तो वार्ड पार्षद, नगर निगम और न ही जिला प्रशासन ने उनकी सुध ली है. ईटीवी भारत की टीम उनके मोहल्ले जाकर उनकी समस्याओं को जाना.

पेश है रिपोर्ट

कोरोना के बाद बाढ़
स्थानीय विनोद कुमार ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से पहले से ही काफी परेशानी हैं. ऊपर से बाढ़ का कहर है. उन्होंने कहा कि लोग काफी परेशानी में हैं. कई लोगों के पास खाने-पीने को कुछ भी नहीं है. न तो वार्ड पार्षद और न ही नगर निगम उनकी मदद कर रहा है. चुनाव के समय लोग वोट मंगने के लिए आ जाते हैं और मुसीबत के समय कोई नज़र नहीं आता है.

लोगों के आगे बाढ़ का संकट

रोजी-रोजगार प्रभावित
स्थानीय शंकर प्रसाद ने कहा कि शुक्रवार से मोहल्लों में पानी तेजी से घुस रहा है. घर-द्वार और दुकान सब में पानी ही पानी है. रोजी-रोजगार सब कुछ प्रभावित है. कोई देखने-पूछने वाला नहीं है, अगर इसी तरह से पानी बढ़ता रहा तो सब कुछ खाली कर के भागना पड़ेगा.

गरीबों का जीना दूभर

घर में घुसा पानी
पानी मे डूबी चौकी पर बैठे भुवनेश्वर राय ने कहा कि शुक्रवार से पानी उनके पूरे घर में घुस चुका है. चूल्हा-चौका सब डूब गया है. बीमारी के खौफ के बीच बाढ़ का कहर है. कोई पूछने नहीं आया है. पानी में डूबी चौकी पर वो रहने को मजबूर हसीन. सांप-बिच्छू का डर सताता है, लेकिन भगवान भरोसे रह रहे हैं.

बिस्तर तक पानी

'ठेले पर रहने को मजबूर'
ठेले पर अपने परिवार के साथ बैठी महिला कहती हैं कि बाढ़ का पानी घर मे घुस गया है. बहुत दिक्कत है. दिन में ठेले पर बैठे हैं कि पानी कुछ कम होगा तो घर मे जाएंगे. इसी तरह ऊंचा स्थान देख कर खाना भी बना रहे हैं.

बाढ़ के पानी में दिन गुजार रहे ग्रामीण

'बाढ़ में बह गया घर'
स्थानीय सीता देवी कहती हैं कि उनका कच्चा फूस का घर था, जो बाढ़ में गिर गया है. अब उनके पास रहने और खाने-पीने को कुछ नहीं है. उनके माल-मवेशियों को भी दिक्कत हो गई है. कोई भी मदद के लिए नहीं आया है.

घर - बाहर पानी - पानी

कई वार्ड में घुसा पानी
वहीं, स्थानीय अजय कुमार सत्संगी में कहा कि शहर के वार्ड 8, 9, 22 और 23 में पानी पूरी तरह घुस हुआ है. ऐसे 20-25 फीसदी लोग जो पैसे वाले हैं और जिन्होंने अपने मकान ऊंचे बनवाए हैं वही बचे हुए हैं. बाकी सबके घरों में पानी है. लोग बहुत कठिनाई से रह रहे हैं.

लोगों के घर में घुस गया पानी

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