पश्चिम चंपारण/सारण:लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ ( Chhath Puja 2021 ) के खरना पूजा के साथ 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत मंगलवार से हो गई. व्रतियों ने खरना के दिन छठी माता के दूसरे स्वरूप मां अन्नपूर्णा की पूजा अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया. छठी माता के गीत के बीच व्रतियों के साथ घर के सदस्यों ने श्रद्धापूर्वक पूजा किया.
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छठ महापर्व के दूसरे दिन आज छठव्रतियों द्वारा सायं कालीन समय में छठ माई की विधिविधान से पूजन करते हैं और सूर्य भगवान का नमन करते हैं. वहीं, सायं कालीन समय में रोटी और साठी चावल से बनी खीर का भोग लगाते हैं और केले के पत्त्ते पर दिया जलाकर पूजन को सम्पन्न करते हैं. जबकि छठव्रती आज से ही निर्जला व्रत रखते हैं. इस अनुष्ठान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें प्रयोग होने वाले सामग्रियों में सभी मौसमी फल, साठी चावल, दूध के साथ 56 प्रकार के व्यजनों और फलों का प्रयोग होता है.
मुख्यत यह सूर्य उपासना का पर्व है, जो चार दिन तक होता है. प्रथम दिन कद्दू की सब्जी, चने की दाल और चावल का भोग लगाया जाता है. इसे छठ व्रती पवित्र नदियों का जल लाकर प्रसाद बनाते हैं और इसे नहाय खाय का व्रत कहते है. वहीं, दूसरे दिन खरना होता है. इसमें खीर बनाई जाती है, जिसमें दूध, साठी चावल और गुड़ से बनाया जाता है और रोटी बनाई जाती है. इसी का भोग लगा कर प्रसाद ग्रहण किया जाता है और लोगों को दिया जाता है.