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Published : Dec 28, 2019, 12:36 PM IST

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मोतिहारीः मंत्री प्रमोद कुमार ने नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में रखे विचार

कला संस्कृति और पर्यटन मंत्री  ने कहा कि नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019  कोई नया कानून नहीं है. यह अधिनियम 1955 में भी बना और  बंग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित और अल्पसंख्यकों को भारत में शरणार्थी के रूप में लाया गया.

east champaran
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मोतिहारीः देश भर में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. इस पर कला संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पिछले कई दशकों से हिंदू और सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी लोगों के साथ सारी के मानसिक उत्पीड़न हो रहा है. इसलिए सरकार ऐसे लोगों की मदद कर रही है.
'सीएए और एनआरसी का समर्थन'
प्रमोद कुमार ने कहा कि तकनीकी तौर पर उनके पास भारत की नागरिकता हासिल करने का कोई ठोस दस्तावेज उपलब्ध नहीं होता है. एक भारतीय नागरिक मिलने वाली सारी सुविधाओं से वंचित रहते है. इन्हीं कारणों से नागरिक संशोधन बिल की आवश्यकता पड़ी. जिसे सरकार ने देश में लाया है.

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'सीएए कोई नया कानून नहीं'
कला संस्कृति और पर्यटन मंत्री ने कहा कि नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 कोई नया कानून नहीं है. यह अधिनियम 1955 में भी बना और बंग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित और अल्पसंख्यकों को भारत में शरणार्थी के रूप में लाया गया.

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