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पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए युवक ने साइकिल से नापा 38000 किमी - bagaha news

उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले एक युवक ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाने के उद्देश्य से साइकिल से 38000 किमी का सफर पूरा कर लिया है. लॉकडाउन में भी इनका सफर जारी रहा और वे कन्याकुमारी से बैंगलोर होते हुए वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व अंतर्गत इंडो नेपाल सीमा पर पहुंचे. यहां वे जल संरक्षण और वृक्ष बचाओ अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों के लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं और यहां से उनका अगला सफर जम्मू कश्मीर के लिए शुरू होगा.

PATNA
पर्यावरण संरक्षण का संदेश

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Published : Mar 23, 2021, 1:59 PM IST

बगहा:उत्तर प्रदेश अमरोहा के रहने वाले शुभम शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाने के उद्देश्य से साइकिल से 38000 किमी का सफर पूरा किया. शुभम ने हाल ही में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है. 13 मई 2019 से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से उन्होंने 51000 किमी का सफर सायकिल से तय करने का फैसला लिया है.

पर्यावरण संरक्षण का संदेश

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इस दरम्यान उन्होंने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों और दरगाहों समेत विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा की है. उनका मानना है कि देश में भाईचारे और सामाजिक सौहार्द के साथ वे वर्षों से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक कर रहे हैं.

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लॉक डाउन में भी जारी रहा सफर
कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के दरम्यान पंडित शुभम शर्मा कन्याकुमारी से बैंगलोर और गुजरात से असम के सफर तय कर वाल्मीकिनगर पहुंचे और तब से बिहार के विभिन्न जिलों में घूम-घूम कर जल संरक्षण और वृक्ष बचाओ के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं. अब बिहार से जम्मूकश्मीर की यात्रा पर निकलेंगे. ऐसे में वाल्मीकिनगर इलाके के मुखिया ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि वे सरकार के जल जीवन हरियाली अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं. उनका यह कदम काफी सराहनीय है.

ग्रामीण इलाकों के लोगों को जागरुक करने में मिल रही सफलता
इंडो-नेपाल सीमा क्षेत्र के इलाकों में जागरूकता फैला रहे पंडित शुभम शर्मा के साथ कई युवा भी जुड़े हुए हैं. इन युवाओं की टीम इनके साथ गांव-गांव जाकर जल संरक्षण और वृक्ष बचाने के लिए जागरुक करते हैं. साथ ही ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करते हैं. उनके साथ जुड़े युवाओं का कहना है कि इन्होंने अपना सफर ही साइकिल से शुरू किया है, जिससे कि प्रदूषण नहीं फैलेगा. इनकी यह इको फ्रेंडली यात्रा निश्चित तौर पर लोगों को जागरुक कर रही है और इनको युवाओं का पूरा समर्थन मिल रहा है.

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