दरभंगा: सावन महीने की दूसरी सोमवारी को लेकर सभी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिवनगरी कुशेश्वर स्थान में भी भक्त जल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-आर्चना कर रहे हैं. वहीं, बोल बम के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है.
महादेव के जयकारों से गूंज उठा मंदिर
रविवार की देर रात से ही हर हर महादेव का जयकारा लग रहा है. जिससे मंदिर में पूरा भक्तिमय माहौल हो गया. कुशेश्वर स्थान और आसपास के सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्रों में से आए लोग बाबा कुशेश्वर नाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं और भगवान की मंगला आरती हो रही है. इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक भी कर रहे हैं.
मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ हजारों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालु
सुबह जैसे ही पट खुला श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इस बीच जय कुशेश्वर नाथ, हर हर महादेव और बोल बम के जयकारे से मंदिर परिसर के साथ-साथ कुशेश्वर स्थान शिवमय हो चुका है. वहीं, शिव गंगा में बाढ़ का पानी भरे रहने के बावजूद श्रद्धालु जन उत्साह के साथ स्नान करते नजर आ रहे हैं.
क्या है मान्यता?
लोगों का मानना है कि कुशेश्वरनाथ का शिवलिंग लगभग चार सौ साल पहले घने कुश के जंगल के बीच मिला था. इसीलिए इसका नाम कुशेश्वर स्थान पड़ा. इस शिवलिंग का दर्शन सबसे पहले कुश जंगल के नजदीक बसे रामपुर रौता के खागा हजारी को हुआ. लगभग चार सौ साल पहले हजारी परिवार ने फूस का मंदिर बनवाया और उसके बाद खपरैल का मंदिर बना. वर्ष 1936 में मुंगेर जिला के सकरपुरा की महारानी ने शिवमंदिर और माता पार्वती का भव्य मंदिर बनवाया. बाद में साल 1970 और 2001-02 में बिरला ट्रस्ट कलकत्ता एवं स्थानीय युवा मंच ने इसका जीर्णोद्धार करवाया. साल 2013 से कुशेश्वरनाथ महादेव मंदिर न्यास समिति इसकी देखरेख कर रही है.
मंदिर में सुरक्षा चाक-चौबंद
सावन माह को लेकर मंदिरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रशासन ने विशेष पुलिस बल की मदद से श्रद्धालुओं की सुरक्षा का खास ध्यान रखा है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर पुलिस की कड़ी बंदोबस्त की गई है. ताकि पूजा-पाठ के इस माहौल में किसी भी प्रकार की भगदड़ नहीं मचे.