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दरभंगाः पीपीई किट पहनकर पति को दी मुखाग्नि, रिश्तेदारों ने छूने से कर दिया था इनकार

कोरोना ने कई जिंदगियां लील ली. कईयों के घर उजारे. लेकिन इन सबके बीच एक नई परंपरा की शुरुआत भी करा दी. महिलाओं का श्मशान जाना शुरू हो गया. मुखाग्नि देना शुरू हो गया. महिलाएं अपने कठोर रिश्तेदारों को जवाब देने लगीं कि अब आप नहीं होंगे तो कोई गम नहीं. पति, पिता, भाई का अंतिम संस्कार जरूर होगा. ऐसी ही एक घटना दरभंगा से सामने आयी है. देखें रिपोर्ट.

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Published : May 16, 2021, 12:31 PM IST

महिला ने दी मुखाग्नि
महिला ने दी मुखाग्नि

दरभंगाः हमारे समाज में सबसे ज्यादा अहमियत रिश्तों को दी जाती है. लेकिन इस महामारी के दौर में कई तस्वीरें ऐसी सामने आयी हैं, जिसने रिश्तों को भी शर्मसार कर दिया है. कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार की देर रात मुक्तिधाम में दिखने को मिला. जहां कोरोना से जंग हार चुके शख्स की लाश पड़ी रही. लेकिन रिश्तेदारों से लेकर दोस्तों तक ने उसकी अर्थी को कंधा तक नहीं दिया. जिसके बाद पत्नी अकेले शव को लेकर मुक्तिधाम पहुंच गयी. पीपीई किट पहन कर उसने पति को खुद मुखाग्नि दी. इतने तक तो उसने एक आंसू नहीं बहाए. लेकिन लौटते समय उसका सब्र टूट गया और फूट फूट कर रोने लगी.

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पत्नी ने ही अपनी पति का अंतिम संस्कार किया
मृतक की पत्नी महिला मीना देवी ने बताया कि मेरे पति हरिकांत राय अष्टजाम से आये थे. उसी के बाद उन्हें बुखार हो गया. चार दिन तक घर में ही रहे. उसके बाद सभी लोगों ने कोरोना होने की बात कही. जिसके बाद हमने उनको रोसड़ा स्थित सरकारी अस्पताल में जांच करवाते हुए, उनको भर्ती कराया. चार दिन अस्पताल में रहने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद वहां के चिकित्सकों ने शुक्रवार को डीएमसीएच रेफर कर दिया.

रिश्तेदारों ने किया मना
उन्होंने कहा, शुक्रवार की रात में ही इलाज के क्रम में मौत हो गयी. वहीं महिला ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण परिवार या गांव के किसी लोगों ने सहयोग तक नहीं किया. शनिवार को मौत की सूचना मिलने पर दिन के करीब 11 बजे उनके देवर आदि आए. पर शव को ले जाने से इंकार कर दिया.

देखें पूरी रिपोर्ट

कबीर सेवा संस्थान के सहयोग से हुआ अंतिम संस्कार
मीना देवी ने बताया कि अकेले पड़ जाने पर मैंने कबीर सेवा संस्थान से संपर्क किया. उन्होंने एम्बुलेंस से शव को लेकर मुक्तिधाम आने को कहा. जिसके बाद मैं अकेले ही एम्बुलेंस में शव रखकर चल दी. वही पीड़ित महिला ने कहा कि कबीर सेवा संस्थान के संयोजक सह समाजसेवी नवीन सिन्हा ने उनके पति के अंतिम संस्कार में पूरा सहयोग किया. मुखाग्नि देकर निकलने के बाद महिला ने बताया कि उसे घर वापस जाने में भी परेशानी है. क्योंकि परिजनों को संक्रमण का डर है.

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