दरभंगाःजिले में 23 मार्च को बिरौल थाना के पास पुलिस ने कुशेश्वरस्थान जा रहे ऑटो को जब्त कर लिया. ऑटो छोड़ने के एवज में पुलिस पदाधिकारी ने 15 हजार रुपये की डिमांड करने लगे. जिसके बाद पुलिस और ऑटो मालिक के बीच हुई वार्ता में 10 हजार रुपये देने पर ऑटो छोड़ने की बात हुई. लेकिन लॉकडाउन होने के कारण जब पैसा की व्यवस्था नहीं हुई, तो ऑटो मालिक ने इस बात की जानकारी वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी को दिया. जिसके बाद मुकेश सहनी बिरौल थाना पहुंचे और थानाध्यक्ष के टेबल पर 10 हजार रुपये रख कर उन्हें एक चालक का जब्त ऑटो छोड़ने के लिए कहा. हालांकि थानाध्यक्ष ने रुपये लेने से इंकार करते हुए रुपये की मांग को झूठी बताई.
23 मार्च को बिरौल पुलिस ने टेंपो को किया था जब्त
दरअसल सहरसा जिले के महरवार निवासी सुरेश मुखिया टेंपो चलाकर सपरिवार कुशेश्वरस्थान जा रहे थे. इसी बीच में बिरौल पुलिस ने गश्ती के दौरान टेंपो पकड़ लिया. टेंपो पकड़ने के बाद सुरेश से पुलिस 15 हजार रुपये की मांग करने लगी. जिसे देने में टेम्पू चालक सह मालिक ने देने में असमर्था जताई. जिसके बाद पिछले डेढ़ माह से पुलिस सुरेश को थाने का चक्कर लगवाती रही. इस बीच 7 मई को पुलिस ने 10 हजार से कम में टेंपो नहीं छोड़ने की बात कह सुरेश को थाने से भगा दिया, तब सुरेश ने गांव में रह रहे वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास गुहार लगायी.
मुकेश सहनी ने बिरौल पुलिस पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
वहीं, वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने बिरौल पुलिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने वाहन जब्ती का भय दिखाकर मोटी रकम की अवैध वसूली करने की शिकायत डीएम, एसएसपी, डीजीपी और सीएम को पत्र लिख कार्रवाई की मांग की. वहीं, मुकेश सहनी ने आरोप लगाया कि बिना रुपये का पुलिस कोई काम नहीं करती है. एक टेंपो चालक से इतनी बड़ी रकम मांग करना साबित करता है कि पुलिस पर सरकार का इकबाल समाप्त हो गया है. वहीं, उन्होंने कहा की मामला को बढ़ते देख थानाध्यक्ष ने आनन-फानन में बैक डेट में ऑटो जब्त करने का पत्र एसडीओ को भेज दिया. लेकिन थानाध्यक्ष की यह चालाकी काम नहीं आयी. चूंकि एसडीओ कार्यालय में यह पत्र पहुंचा ही नहीं था.
एसएसपी ने सिटी एसपी को दिया जांच का आदेश
वहीं, दरभंगा के एसएसपी बाबूराम ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह पता चला है कि मुकेश सहनी ने थाना पर आरोप लगाया है कि 23 मार्च को थाना की ओर से ऑटो जब्त किया गया था और इतना समय बीत जाने के बाद भी कोई प्रतिवेदन एसडीओ कार्यालय को नहीं भेजा गया. ना ही ऑटो को रिलीज किया गया. थाना से इस संबंध में बात हुई है. एसएचओ ने बताया कि उन्होंने जिस दिन गाड़ी जब्त की थी. उसे दिन एसडीओ कार्यालय प्रतिवेदन को भेज दिया था.
इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए हमने सिटी एसपी को जांच के लिए निर्देश दिया है. वहीं, उन्होंने उम्मीद जताई है कि आज शाम तक सारी जांच रिपोर्ट मिल जाएगी और अगर इसमें पदाधिकारी स्तर से गड़बड़ी पाई गई, तो उनके विरुद्ध करवाई की जायेगी.