दरभंगा: बंगाल में रविंद्र नाथ टैगोर के संगीत की जितनी लोकप्रियता और प्रसिद्धि है, उतनी ही मिथिला क्षेत्र में विद्यापति संगीत की है. लेकिन जिस तरीके से रविंद्र संगीत शास्त्रीय स्वरूप में ताल, लय और रागबद्ध है, उस तरीके से विद्यापति संगीत नहीं है. इसी कमी को दूर करने के उद्देश्य से दरभंगा के सीएम कॉलेज ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संगीत-नाट्य विभाग के साथ एक योजना बनाई गई है.
लयबद्ध होगा मिथिला का विद्यापति संगीत, CM कॉलेज की पहल पर LNMU संगीत-नाट्य विभाग की योजना
दरभंगा के सीएम कॉलेज में विद्यापति स्मृति पर्व समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें विद्यापति संगीत को लोकप्रिय बनाने पर चर्चा की गई. इसे लेकर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संगीत-नाट्य विभाग के साथ एक योजना बनाई है.
विद्यापति स्मृति पर्व समारोह का आयोजन
सीएम कॉलेज में आयोजित विद्यापति स्मृति पर्व समारोह के दौरान मैथिली के जाने-माने साहित्यकार और विद्यापति संगीत के कलाकार शामिल हुए. सीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. विश्वनाथ झा ने कहा कि बंगाल में रविंद्र संगीत को शास्त्रीय स्वरूप प्रदान किया गया है, लेकिन मिथिला में विद्यापति संगीत उस रूप में लोगों तक नहीं पहुंच रहा है.
विद्यापति संगीत को लोकप्रिय बनाने की कवायद
विद्यापति संगीत को लेकर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संगीत-नाट्य विभाग की अध्यक्ष प्रो. लावण्या कीर्ति सिंह काव्या के साथ एक योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि इसके तहत सीएम कॉलेज में एक केंद्र स्थापित होगा. जिसमें विद्यापति संगीत को राग, ताल और लय से बद्ध किया जाएगा.