दरभंगा:ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुएभीषण रेल दुर्घटनामें 270 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. अभी भी बहुत से लोग अस्पतालों मे जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. इस भीषण ट्रेन हादसे में कई लोग ऐसे भी हैं, जो सही सलामत अपने घर पहुंच चुके है. बालासोर रेल हादसे में दरभंगा जिले के घायलों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. तीन लोगों की मौत होने की सूचना मिल रही है. जिनमें बहादुरपुर प्रखंड के मनियारी गांव के अखिलेश, बौवा सहनी और अल्लपट्टी निवासी विनोद यादव शामिल हैं. मौत की सूचना मिलने के बाद परिवार के सदस्य मृतकों की पहचान के लिए ओडिशा रवाना हो चुके हैं.
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ओडिशा ट्रेन हादसे की खौफनाक आपबीती : रेल हादसे में घायल होकर लौटे बिरौल अनुमंडल के नारायणपुर गांव के शिवेश पासवान, सुभाष पासवान और संजय महतो ने बताया कि वह 9 लोगों के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस के S2 कोच से चेन्नई जा रहे थे. जिसमें रामप्रकाश पासवान के पुत्र शिवेश पासवान, रामदेव पासवान के पुत्र गोविंद पासवान, विनोद पासवान के पुत्र विक्रम पासवान, राजू पासवान के पुत्र सुधीर कुमार, श्रवण पासवान के पुत्र चंदन पासवान, महेंद्र मुखिया के पुत्र सूरज मुखिया, रामकिशुन मुखिया के पुत्र बाबूसाहब मुखिया, मुसन मुखिया के पुत्र संजय मुखिया, उदेश्वर पासवान के पुत्र सुभाष पासवान शामिल हैं.
लोगों ने बोगी का शीशा तोड़कर बाहर निकाला:घायल शिवेश पासवान ने बताया कि तेज आवाज के साथ इनकी कोच दूसरे कोच के ऊपर चढ़ गया. जिसके कारण हमलोग काफी देर तक अंदर ही फंसे रहे. जिसके बाद स्थानीय लोगों के सहयोग से S2 बोगी का शीशा तोड़कर हम लोगों को सीढ़ी के सहारे नीचे उतारा गया. वहीं उन्होंने बताया कि बोगियों में टूटे हुए कांच से कई लोगो का हाथ पैर भी कट गया. वहां पर प्राथमिक इलाज के बाद सरकारी व्यवस्था पर हम लोगों को घर पहुंचाया गया है. जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त वहां का माहौल काफी भयावह था. लोग पानी-पानी चिल्ला रहे थे. स्थानीय लोगों के आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
"पांच सेकेंड में सभी यात्री गिर गये. उस समय मैं बाथरूम गया था. मैं उसी में फंस गया. 20 मिनट तक बाथरूम में दब हुआ था. करीब एक घंटे के बाद आसपास के लोगों से रस्सी बांधकर उतारा."- संजय महतो, घायल यात्री