दरभंगा: जीवन शैली में बदलाव के कारण कई बीमारियों में एंटीबायोटिक दवाएं असरहीन हो रही है. ऐसे में गंभीर बीमारियों का इलाज एक चुनौती बन गया है. भारत सरकार के विज्ञान विकास प्रभाग के निदेशक प्रो.भवनाथ झा ने वनस्पति विज्ञान विभाग में 'इंसा फेलो लेक्चर सीरीज में' कहा कि, इस स्थिति में समुद्री पौधे बहुत कारगर हो रहे है. इस पर गंभीरता से दुनिया भर में शोध चल रहा है.
समुद्री पौधों में कैंसर जैसी बीमारियां ठीक करने की ताकत- प्रो. भवनाथ - दरभंगा न्यूज
भारत सरकार के विज्ञान विकास प्रभाग के निदेशक प्रो.भवनाथ झा ने वनस्पति विज्ञान विभाग में इंसा फेलो लेक्चर सीरीज में कहा कि गंभीर बीमारियों में एंटीबायोटिक दवाएं असरहीन हो रही है. इस स्थिति में समुद्री पौधों से बनी दवा कारगर साबित हो रही है.
समुद्री पौधों से बनी चमत्कारिक दवाएं
प्रो.झा ने कहा कि समुद्री पौधों में एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुके बैक्टीरिया को तोड़ने की क्षमता होती है. ऐसी दवाएं शरीर को कोई नुकसान नही पहुंचाती है. कैंसर और टीबी जैसी घातक बीमारियों पर जब एंटीबायोटिक दवाएं असरहीन हो जाती है. तो इन समुद्री पौधों से बनी दवाएं चमत्कारिक रूप से असर करती है. दुनिया भर में इस पर शोध चल रहा है.
समुद्री पौधों से कैंसर की दवाओं का शोध
बता दें कि प्रो. भवनाथ झा भारत सरकार के सीएसआईआर के मुख्य वैज्ञानिक रह चुके है. उन्होंने समुद्री पौधों से ब्लड कैंसर की दवा बनाने पर बड़ा शोध किया है. प्रो.झा का मानना है कि एंटीबायोटिक दवाएं खाने से शरीर को नुकसान पहुंचता है. इसलिए वो समुद्री पौधों से बनी दवाओं पर शोध कर रहें है. प्रो.झा कैंब्रीज, फ्रैंकफर्ट, गोटिंगेंन, म्यूनिख जैसे यूरोप के कई विवि में पढ़ा चुके हैं. यह मूल रूप से दरभंगा के रहने वाले हैं. उनकी पीजी तक की पढ़ाई ललित नारायण मिथिला विवि से हुई है.