बिहार

bihar

ETV Bharat / state

कृषि बिल वापस लेने की मांग को लेकर राजद ने किया सड़क जाम

बहादुरपुर विधानसभा के राजद विधायक भोला यादव ने कहा कि जनतांत्रिक प्रक्रियाओं को ताक पर रखकर, कृषि क्षेत्र के निगमीकरण से संबंधित विधेयक को जिस तरह से सदन के दोनों सदनों से पारित किया गया है. वह जनतंत्र के काले अध्याय के रूप में जाना जायेगा.

_band
_band

By

Published : Sep 25, 2020, 3:58 PM IST

दरभंगाः संसद की ओर से पारित कृषि बिल को किसान विरोधी बिल बताते हुए राजद, जन अधिकार पार्टी व भाकपा माले ने राज्य व्यापी आह्वान कर चक्का जाम करने का ऐलान किया था. जिसको लेकर राजद के कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर निकलकर सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए कृषि बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. राजद कार्यकर्ता पैदल मार्च कर्पूरी चौक से निकालकर शहर के विभिन्न चौक चौराहा होते हुए लहेरियासराय पहुंचा। इस दैरान राजद कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.

जनतांत्रिक प्रक्रिया को ताक पर रखकर बिल को किया गया पारित
वहीं बहादुरपुर विधानसभा के राजद विधायक भोला यादव ने कहा कि जनतांत्रिक प्रक्रियाओं को ताक पर रखकर, कृषि क्षेत्र के निगमीकरण से संबंधित विधेयक को जिस तरह से सदन के दोनों सदनों से पारित किया गया है. वह जनतंत्र के काले अध्याय के रूप में जाना जायेगा. वहीं उन्होंने सरकार को किसानों और गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि एनडीए की सरकार हर वर्ग के साथ छल कर रही हैं. मजदूर, श्रमिक, युवाओं के बाद इन्होंने किसानों को अगला निशाना बनाया है. यह अध्यादेश विशुद्ध रूप से किसान विरोधी है एवं चंद पूंजीपतियों के इशारे पर इसे लागू करने पर आमदा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

कृषि बिल वापस नहीं हुआ तो होगा उग्र आंदोलन
वहीं कुमार गौरव ने इस बिल को किसान विरोधी बिल बताते हुए कहा कि बिहार में 2006 में ही एपीएमसी एमपी बंद कर दिया गया था. यदि एपीएमसी एक्ट में संशोधन से किसानों को लाभ मिलता, तो बिहार के किसानों की संपत्ति दिखाई पड़ती. जबकि 2006 के बाद बिहार के किसानों की स्थिति काफी बदतर हो गई है. यहां के किसान खेती छोड़ कर बड़ी संख्या में रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है तो आंदोलन को और भी उग्र किया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details