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दरभंगा: मछली के दाम में बढ़ोत्तरी से खुदरा विक्रेता नाराज, किया बाजार बंद

खुदरा व्यवसयियों ने मांग किया है कि जिस प्रकार से उन्हें पहले मछली मिलती थी, उसी प्रकार से उन्हें मछली मिलनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है तब तक बाजार बंद ही रहेगा.

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Published : Aug 25, 2019, 5:22 PM IST

मछली मंडी

दरभंगा:शहर में मछली मंडी के व्यवसायियों की मनमानी का खामियाजा मछली प्रेमियों को भुगतना पड़ रहा है. मंडी के विक्रेता और खुदरा विक्रेता के बीच वजन के विवाद को लेकर मछली का बाजार बंद कर दिया गया है. जिसके कारण मछली खरीदने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

मछलियों के बढ़े दाम
दरअसल, रविवार की सुबह जब खुदरा विक्रेता मछली खरीदने मंडी पहुंचे तो उन्होंने यहां के मुख्य द्वार पर थोक विक्रेता संघ के तरफ से लगाये गए बैनर को देखा, जिसमें लिखा था कि सभी को सूचित किया जाता है कि 25 अगस्त से सभी प्रकार की मछलियों (लोकल और बाहरी) की बिक्री 42 किलो प्रति मन के हिसाब से होगी.

खुदरा विक्रेताओं में नाराजगी

खुदरा विक्रेताओं में नाराजगी
इस सूचना को देखने के बाद खुदरा विक्रेता मंडी व्यवसायियों पर मनमानी का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे. उनका कहना है कि उनलोगों को आंध्र प्रदेश की मछली 44 किलो प्रति मन और देसी मछली 48 किलो प्रति मन के हिसाब से मिलती थी. उसी तरीके से उन्हें मछली मिलनी चाहिए. लेकिन मछली मंडी के कारोबारियों ने देने से इनकार कर दिया. इससे नाराज खुदरा व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी.

रोजाना होगा नुकसान- खुदरा व्यवसायी
खुदरा व्यवसायी भोला सहनी का कहना है कि पहले हम लोगों को मंडी से 10 किलो के बदले 12 किलो मछली मिलती थी, लेकिन अब यहां के लोग कह रहे हैं कि 10 किलो के बदले साढ़े दस किलो ही मछली देंगे. हमारे साथ समस्या यह है कि जो ग्राहक मछली खरीदारी करने आते हैं, वे हमें 50 ग्राम से लेकर 100 ग्राम तक का पैसा नहीं देते हैं. ऐसी व्यवस्था में हमें रोजाना नुकसान होगा और हमारा परिवार सड़क पर चला आएगा.

खुदरा कारोबारियों की मांग
खुदरा व्यवसायियों ने मांग किया है कि जिस प्रकार से उन्हें पहले मछली मिलती थी, उसी प्रकार से उन्हें मछली मिलनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है तब तक बाजार बंद ही रहेगा.

44 किलो प्रति मन की जगह 42 किलो प्रति मन
वहीं, मछली मंडी के अध्यक्ष उमेश सहनी का कहना है कि पहले यहां 44 किलो प्रति मन के हिसाब से खुदरा विक्रेताओं को आंध्र प्रदेश की मछलियां दी जाती थी, लेकिन पूरे भारत में 42 किलो प्रति मन के हिसाब से मछली बिक रही है. जिसके कारण आये दिन उन्हें मछली बिक्री करने में परेशानी होती है. यही कारण है कि उन्होंने मछली का रेट बढ़ाकर 44 किलो प्रति मन के जगह 42 किलो प्रति मन कर दिया है.

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