दरभंगा: कोरोना महामारी की वजह से लागू लॉक डाउन में एक ओर जहां अधिकतर सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों की कमाई शून्य तक पहुंच गई. वहीं, डाक विभाग ने इस अवधि में रिकॉर्ड कारोबार किया है. विभाग ने घर-घर जाकर लोगों को बैंकिंग और डाक सेवाएं देकर पूरे देश में अपना परचम लहराया.
लोकप्रिय हो रहा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक का खाता
दरभंगा प्रमंडल के डाक अधीक्षक यूसी प्रसाद ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए कहा कि दरभंगा जिले में 68 हजार डाक बैंक के माध्यम से लगभग 68 हजार से अधिक लोगों ने लेनदेन किया. इस अवधि में सबसे ज्यादा लोकप्रिय इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक का खाता रहा. खाता खोलवाने के लिए दरभंगा प्रधान डाकघर में लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग रही है. जिन लोगों को यह भी पता नहीं है कि इस खाता को कैसे ऑपरेट करना है. वे लोग भी घंटों लाइन में खड़ा रहकर खाता ओपन करवा रहे हैं.
खाता खुलवाने के लिए उमड़ी लोगों की भीड़ लॉकडाउन अवधि में खोले गए 78 हजार खाते
डाक अधीक्षक यूसी प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन अवधि में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक बेहद लोकप्रिय रहा. बंदी काल में खाते की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है. बैंक की स्थापना 1 सितंबर 2018 को हुई थी. तब से लेकर बैंक में 99 हजार से कुछ ज्यादा खाते खोले गए थे. लेकिन लॉक डाउन के करीब ढाई महीनों में लगभग 78 हजार से भी अधिक खाते खोले गए. इस खाते को खोलवाने और इसे ऑपरेट करने में कोई तामझाम नहीं है. केवल आधार कार्ड पर यह खाता खोला जाता है. खाते को मोबाइल से भी ऑपरेट किया जा सकता है. इस खाते में सरकार की हर योजना राशि आसानी से सबसे पहले आ जाती है.
खाता खुलवाने के लिए लग रहा मात्र 100 रुपये
डाक बैंक में खाता खुलवाने के लिए कतार में खड़ी गुड़िया देवी ने बताया कि उन्हें यह नहीं पता है कि यह खाता को कैसे चलाएंगे. लोगों ने बताया कि यह जनधन का खता है. वे पहले जनधन खाता नहीं खुलवा सकी थी. इस वजह से वे खाता को खुलवा रही है. वे पहली बार किसी बैंक में आई हैं. वहीं, खाता खुलवाने के लिए कतार में खड़े एक अन्य व्यक्ति विजय यादव ने बताया कि मात्र 100 रुपये की राशि पर डाक खता खुल रहा है. उन्हें खाते के बारे में ज्यादा पता नहीं है. उनके पास मोबाइल भी नहीं है. लेकिन वे अपने बेटे के माध्यम से इस खाते को ऑपरेट करवाएंगे.