दरभंगा:21 नवंबर को अयोध्या से जनकपुर के लिए चली राम की बारात सोमवार को जिले के अहिल्या स्थान पहुंची. ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने इसी स्थान पर पत्थर बन चुकी अहिल्या का उद्धार किया था. बारात में चल रही झांकी में राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न समेत राजा दशरथ और विश्वमित्र मुनि मौजूद रहे. इसे देखने के लिए लोगों की बड़ी भीड़ उमड़ी थी.
महिलाओं ने गाए मंगल गीत
बारात का अहिल्या स्थान में मिथिला की परंपरा के अनुसार भव्य स्वागत किया गया. राम-लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की आरती उतारी गयी. महिलाओं ने मंगल गीत गाए. बारात में करीब तीन सौ की संख्या में साधु-संत पहुंचे थे. इस दौरान साधु-संतों ने कहा कि मिथिला में अहिल्या स्थान आकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है. यहां उनका खूब आदर-सत्कार हो रहा है. यह भूमि पवित्र है, जहां श्रीराम के चरण पड़े थे. उन्होंने कहा कि यहां से सनातन धर्म-संस्कृति का अनूठा संदेश जा रहा है.
बारात देखने के लिए लोगों की उमड़ी भीड़ भगवान राम ने अहिल्या का किया था उद्धार
दशरथ के रूप में बारात का नेतृत्व कर रहे अयोध्या के संत गोपाल दास ने कहा कि त्रेता युग में भगवान राम ने अहिल्या का उद्धार किया था. यह बारात समाज के सभी वर्गों को एक-दूसरे से जोड़ने का संदेश लेकर पहुंची है. जितनी खुशी राजा दशरथ को बारात को लेकर त्रेता युग में हुई होगी. उतना ही आनंद उन्हें कलयुग में भी बारात का नेतृत्व करते हुए हो रहा है.
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एक दिसंबर को होगा राम-सीता का विवाह
बता दें कि राम बारात रात में दरभंगा के श्यामा मंदिर में रुकेगी. इसके बाद सुबह बेनीपुर होते हुए मधुबनी और जयनगर के रास्ते नेपाल की ओर जाएगी. 28 नवंबर को बारात नेपाल के जनकपुर पहुंचेगी. 29 नवंबर को वहां मटकोर की विधि होगी. इसके बाद एक दिसंबर को विवाह पंचमी के अवसर पर राम-सीता विवाह का भव्य आयोजन होगा.