दरभंगा:बिहार में छठ महापर्व का विशेष महत्व है. इस बार कोरोना काल में चार दिन चलने वाला छठ पूजा को लेकर सावधानी भी बरती जा रही है. वहीं, ईटीवी भारत के संवाददाता ने दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर श्रीपति त्रिपाठी से बात की.
छठ पूजा में नहाय-खाय का है विशेष महत्व: प्रो. श्रीपति त्रिपाठी - छठ व्रत
प्रोफेसर श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि छठ व्रत में नहाय-खाय का महत्व इसलिए खास है क्योंकि इसी दिन से व्रत की तैयारी होती है. व्रती इस दिन खुद को इस कठिन व्रत के लिए तैयार करती हैं. इसके लिए सात्विक भोजन किया जाता है.
क्या कहते हैं प्रोफेसर श्रीपति त्रिपाठी
इस दौरान प्रोफेसर श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि छठ व्रत में नहाय-खाय का महत्व इसलिए खास है क्योंकि इसी दिन से व्रत की तैयारी होती है. व्रती इस दिन खुद को इस कठिन व्रत के लिए तैयार करती हैं. इसके लिए सात्विक भोजन किया जाता है. इसके तहत अरवा, चावल और कद्दू की बनी सब्जी खाने का विधान है.
प्रो. श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि नहाय-खाय छठ व्रत का पहला दिन है. इसी दिन से 4 दिनों तक व्रती कठिन तपस्या करते हैं. इसकी वजह से नहाय-खाय के दिन पवित्रता पर विशेष ध्यान दिया जाता है. व्रती अपने रहन-सहन और खानपान में धार्मिक नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं. इसलिए इस दिन का छठ पर्व में विशेष महत्व है.