दरभंगा(केवटी):जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में से केवटी विधानसभा क्षेत्र मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में आता है. इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की प्रबल इच्छा थी कि विधानसभा क्षेत्र के ही विधायक हो. जिनसे आम लोग अपनी समस्या कह सकें. लेकिन इस विधानसभा चुनाव में भी मतदाताओं और क्षेत्र के लोगों की यह इच्छा पूरी होती नहीं दिख रही है. केवटी के लोग केवटी के बेटे को विधायक के रुप में देखना चाहते हैं. लेकिन सभी बड़े राजनीतिक दलों ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं-नेताओं की अनदेखी कर बाहरी लोगों को टिकट देकर चुनावी जंग में भेज दिया है. कई चेहरे तो यहां के लिए पूरी तरह अनजान हैं जिनकी केवटी के किसी भी भाग में कोई खास पहचान तक नहीं है.
केवटी विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला
शुरुआत में यहां से राजद गठबंधन के वीआईपी के प्रत्याशी को उतारे जाने की बात पक्की हो गई थी. लेकिन अंतिम क्षण में पार्टी के आंतरिक मामलों को लेकर यहां से भाजपा प्रत्याशी के रूप में डॉ मुरारी मोहन झा को उतारा गया. फिर महागठबंधन ने राजद के कद्दावर नेता अब्दुलबारी सिद्दिकी को उतारकर चुनावी दंगल को दिलचस्प बना दिया है. इस सीट के लिए पिछले कई विधानसभा चुनाव से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार यादव और राजद प्रत्याशी डॉ. फराज फातमी के बीच द्वंद चलता रहा है. इस सीट पर डॉ. अशोक कुमार यादव लगातार तीन बार काबिज रहे. पिछले विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी डॉ. फराज फातमी से महज 6700 से भाजपा प्रत्याशी चुनाव हार गए थे. लेकिन इस विधानसभा चुनाव में डॉ. फातमी भी महागठबंधन का दामन छोड़कर जदयू के टिकट पर दरभंगा ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे हैं.
कई दिग्गज के बीच है टक्कर
वहीं, इनके दल बदलने से रिक्त पड़े इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक के आकलन के अनुसार भाजपा प्रत्याशी डॉ. मुरारी मोहन झा और राजद प्रत्याशी अब्दुलबारी सिद्दिकी के बीच सीधी टक्कर होती दिख रही है. लेकिन केवटी से स्थानीय जिला परिषद सदस्य समीउल्लाह खां उर्फ शमीम जन अधिकार पार्टी का टिकट लेकर और अपनी जोरदार उपस्थिति और पहचान के बल पर लड़ाई को त्रिकोणीय बना रहे हैं. वहीं, राष्ट्रीयवादी कांग्रेस पार्टी के चांदबाबू रहमान और बड़ी संख्या में स्थानीय निर्दलीय प्रत्याशी के नामांकन से भी बड़ी राजनीतिक दलों को नुकसान की संभावना दिख रही है.