दरभंगा:जिले में इन दिनों आई बाढ़ से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है. नाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सोमवार को एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल जाने में 4 घंटे से अधिक पीड़ा सहना पड़ा. हालांकि सूचना के बाद एडीआरएफ की टीम उसे रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाई.
गर्भवति महिला का किया गया रेस्क्यू बता दें कि जिले के कई इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. वहीं, हनुमाननगर प्रखंड में बाढ़ के पानी में फंसे महनोली गांव के निवासी ललितेश्वर सिंह को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा. उनकी पत्नी अर्चना देवी को प्रसव पीड़ा होना शुरू हो गया, लेकिन नाव या अन्य किसी तरह का साधन नहीं होने के कारण वो बेबस थे. हालांकि पड़ोसियों ने एनडीआरएफ की टीम मंगवाने के लिए हनुमाननगर अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और विशनपुर थानाध्यक्ष के साथ कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी.
सूचना के बाद पहुंची एडीआरएफ की टीम मुश्किल घड़ी में पहुंची एनडीआरएफ की टीम
सूचना मिलने के बाद बिशनपुर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मंडल और हनुमाननगर प्रखंड विकास पदाधिकारी सुधीर कुमार ने तत्परता दिखाते हुए एनडीआरएफ की टीम को पीड़ित परिवार की मदद के लिए भेजा. जिसके बाद मौके पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची और महिला का रेस्क्यू किया. वहीं, ललितेश्वर सिंह ने बताया कि नाव नहीं होने के कारण बहुत ही परेशानियों से गुजरना पड़ता है. सरकार की ओर से बाढ़ आने के बावजूद भी गांव में एक नाव की व्यवस्था नहीं करवाई गई है. इस मुसीबत की घड़ी में एनडीआरएफ की टीम देवदूत बनकर आई और कुछ राहत दी है.
'कठिनाई तो हुई लेकिन आना जरूरी था'
इसके अलावे एनडीआरएफ की टीम के हेड कंस्टेबल अमर सिंह ने बताया कि जैसे ही थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मंडल की ओर से हमें सूचना मिली. टीम तुरंत रेस्क्यू के लिए रवाना हो गई. लेकिन रास्ते में एक मोटर बोट खराब हो जाने के कारण दूसरे वोट से आना पड़ा. कठिनाइ तो हुई पर आना जरूरी था. इस पूरे ऑपरेशन में विशपुर थाना के स्टाफ संजय कुमार का भी अहम योगदान रहा.