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दरभंगा: बदहाली का शिकार पंचोभ APHC, ड्यूटी से गायब रहते हैं डॉक्टर - Delivery of women in the dark

केंद्र और राज्य सरकार बिहार में ग्रामीण लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए करोड़ों खर्च कर रही हैं. लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इनकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. आम लोगों तक ये सुविधाएं सही ढंग से नहीं पहुंच पा रही हैं. हनुमान नगर प्रखंड की पंचोभ पंचायत में बना अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाल स्थिति में है.

दरभंगा
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Published : Jan 12, 2021, 5:38 PM IST

Updated : Jan 12, 2021, 9:17 PM IST

दरभंगा: हनुमान नगर प्रखंड की पंचोभ पंचायत में कहने को तो सरकार ने इस एपीएचसी को 6 बेड का अस्पताल बनाया है. इसमें 4 डॉक्टर और 2 एएनएम समेत कुल 11 स्टाफ की तैनाती की गई है. इसे पूरे हनुमान नगर प्रखंड का टीबी रोग निवारण सेंटर घोषित किया गया है. साथ ही इसे मैटरनिटी सेन्टर बनाया गया है. इसे डीएमसीएच का रिसर्च सेंटर बनाया गया है और डीएमसीएच ने इसे गोद भी लिया है. लेकिन इनमें से अधिकतर सुविधाएं बस कागज़ पर ही चल रही हैं.

एपीएचसी में डॉक्टर्स रहते नदारद

एपीएचसी में डॉक्टर्स रहते नदारद
ईटीवी भारत की टीम ने जब इस एपीएचसी का जायजा लिया तो ग्राउंड पर हकीकत कुछ और ही सामने आई. ग्रामीणों की शिकायत है कि यहां 4 में से शायद ही कोई डॉक्टर ड्यूटी पर आते हैं. यहां के अधिकतर स्टाफ भी ड्यूटी से गायब रहते हैं.

बदहाल स्थिति में पंचोभ APHC

एक एएनएम भरोसे अस्पताल
पूरे अस्पताल की जिम्मेवारी एक एएनएम सुनैना कुमारी संभालती हैं. एएनएम सुनैना कुमारी ही यहां की डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर, ड्रेसर सब कुछ हैं. यहां तक की बिना डॉक्टर के महिलाओं का प्रसव भी वही कराती हैं. ग्रामीणों की ये भी शिकायत है कि ये एपीएचसी सुबह 9 बजे खुलता है और दिन के 12 बजते-बजते बंद हो जाता है.

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

'पंचोभ एपीएचसी में तैनात डॉक्टर यहां कभी-कभार ही आते हैं. ये पूरा अस्पताल एक एएनएम के भरोसे चलता है. मरीजों को दवा देने से लेकर महिलाओं के प्रसव तक की जिम्मेवारी एएनएम की संभालती है'- अनंत झा, ग्रामीण

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

'ये अस्पताल 9 बजे खुलता है और 12 बजे बंद हो जाता है. इसके होने का कोई फायदा ग्रामीणों को नहीं मिलता है. बीमार पड़ने पर उन्हें डीएमसीएच जाना पड़ता है या फिर पटना और दिल्ली जाते हैं'- सुनैना देवी, ग्रामीण

प्रखंड में 6 बेड का अस्पताल

'इस अस्पताल की एएनएम अंधेरे में महिलाओं का प्रसव कराती हैं. यहां के जेनेरेटर का डीजल बेच दिया जाता है. पिछले दिनों विभाग के प्रधान सचिव आए थे तो व्यवस्था चकाचक कर दी गई, लेकिन उसके बाद वही स्थिति हो गई'- रोहित कुमार चौधरी, ग्रामीण

4 डॉक्टर समेत 11 स्टाफ की तैनाती

'यहां 4 डॉक्टर समेत कुल 11 स्टाफ तैनात हैं. महिलाओं का प्रसव मैं खुद ही कराती हूं, प्रसव के दौरान साथ में कोई डॉक्टर नहीं होता है. अस्पताल सुबह 9 बजे से दिन के 2 बजे तक खुलता है'-सुनैना कुमारी, एएनएम

एएनएम के भरोसे अस्पताल

हेल्थ मैनेजर का दावा 'सब ठीक है'
वहीं, इस एपीएचसी को कंट्रोल करने वाले हनुमान नगर सीएचसी के हेल्थ मैनेजर जमील अहमद ने कहा कि अस्पताल की स्थिति अच्छी है. यहां हर महीने 10-15 महिलाओं के प्रसव हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल को डीएमसीएच ने गोद ले रखा है और दवाओं की आपूर्ति डीएमसीएच से ही होती है.

एएनएम के भरोसे अस्पताल

काफी प्रयास के बाद पंचोभ एपीएचसी को मैटरनिटी सेंटर बनवाया था. वहां प्रखंड का टीबी रोग निवारण केंद्र बनाया गया है. बावजूद इसके यहां नियमित रूप से डॉक्टर नहीं रहते हैं. एक एएनएम सभी काम करती है- राजीव चौधरी, मुखिया, पंचोभ पंचायत

बदहाली का शिकार पंचोभ APHC

डीएमसीएच ने एपीएचसी को ले रखा गोद
पंचोभ पंचायत के मुखिया और जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष राजीव चौधरी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को डीएमसीएच ने गोद ले रखा है. इसके बावजूद यहां की व्यवस्था लचर है. उन्होंने मांग की कि यहां मेडिसिन के डॉक्टर और महिला डॉक्टर नियमित रूप से तैनात किए जाएं.

Last Updated : Jan 12, 2021, 9:17 PM IST

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