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पीएम के डिजिटल संवाद को पंचायत स्तर तक पहुंचाना है: सांसद गोपालजी ठाकुर

देशभर में किसानों का विरोध झेल रही बीजेपी के तमाम बड़े और छोटे नेता कृषि बिल के फायदे गिनाने में जुट गए हैं. वहीं, आगामी 25 दिसंबर को पीएम डिजिटल माध्यम से किसानों से रूबरू होंगे. इसे लेकर अब बीजेपी सांसद ने कहा कि पीएम की बात को पंचायत स्तर तक सुनिश्चित कराने के लिए बीजेपी तैयारी कर रही है.

दरभंगा
बीजेपी सांसद गोपालजी ठाकुर

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Published : Dec 22, 2020, 3:06 PM IST

दरभंगा:बीजेपी सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डिजिटल माध्यम से किसानों से संवाद करेंगे. उन्होंने कहा कि जिले के प्रत्येक प्रखण्ड मुख्यायल पर इस कार्यक्रम का प्रसारण होगा. उन्होंने इस अवसर पर संसदीय क्षेत्र के सभी किसानों को पीएम के कार्यक्रम को सुनने की गुजारिश की.

प्रधानमंत्री 60 किसानों से करेंगे सीधी बात
वहीं, सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी 60 किसान भाइयों से सीधी बातचीत करेंगे. इस मौके पर देश के 9 करोड़ किसानों को 18,000 करोड़ रुपये किसान सम्मान निधि की राशि वितरित करेंगे. उन्होंने कहा कि उक्त कार्यक्रम का आयोजन भारतीय जनता पार्टी द्वारा मंडल एवं पंचायत स्तर पर भी किया जाएगा. ताकि प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को अधिक से अधिक किसान और आम लोग सुन सकें.

किसान विरोधी लोग किसानों को कर रहे है गुमराह
सांसद ने कहा कि नए किसान कानून किसानों के हित में है. लेकिन विपक्ष किसानों को गुमराह कर भ्रमित कर रहा है. इसकी जितनी निंदा की जाए वह बहुत कम है. उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून की सच्चाई यह है कि एमएसपी मूल्य किसानों को मिलता रहेगा. सरकारी मंडी की व्यवस्था जारी रहेगी और नए कानून मंडियों की व्यवस्था और बेहतर बनाएगी. सांसद ने कहा इस कृषि सुधार कानून के लागू होने के बाद किसान अब अपनी फसल देश में कहीं भी, किसी को भी बेच सकते हैं. जिस कारण किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा मिलेगा. उन्होंने कहा कि किसान ही अपनी जमीन के मालिक रहेंगे. कानून के तहत जमीन की बिक्री, लीज और गिरवी रखना, प्रतिबंधित रहेगा.

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत बनेगा विश्व गुरु
सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ रुपये, मछुआरों और पशुपालकों के लिए 20 हज़ार करोड़ रुपये और सूक्ष्म खाद्य संस्करण (एमएफस) इकाइयों की मदद के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये दिया गया है. उन्होंने कहा कि एमएफस के तहत ही मिथिला की पहचान और प्रमुख उपज मखाना को बढ़ावा मिलेगा. वहीं, मखाना की उपज बढ़ेगी और इसकी ब्रांडिंग की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश, बिहार और मिथिला आत्मनिर्भर बनेगा और 21वीं सदी में विश्व का नेतृत्व करते हुए विश्व गुरु बनेगा.

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