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दरभंगा: DMCH के आरोपी डॉक्टरों और कर्मचारियों पर FIR की मांग को लेकर प्रदर्शन - सड़क जाम

17 मई को डीएमसीएच में प्रसव के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई थी. परिजनों ने गलत खून चढ़ाए जाने की वजह से महिला की मौत का आरोप डॉक्टरों पर लगाया. इसी को लेकर स्थानीय लोगों ने दरभंगा-लहेरियासराय सड़क को घंटों जाम कर प्रदर्शन किया.

Darbhanga
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Published : Jun 23, 2020, 9:14 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 7:20 PM IST

दरभंगा: जिले के डीएमसीएच में प्रसव के दौरान हुई मौत का मामला एक बार फिर से तूल पकड़ता जा रहा है. विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के बेला की एक महिला गंगा देवी की कुछ दिनों पहले डीएमसीएच में प्रसव के दौरान हुई मौत से लोगों में आक्रोश है. मंगलवार को स्थानीय लोगों ने विवि थाना क्षेत्र के बेला दुर्गा मंदिर के पास दरभंगा-लहेरियासराय सड़क को घंटों जाम कर प्रदर्शन किया.

बता दें कि 17 मई को डीएमसीएच में प्रसव के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई थी. परिजनों ने गलत खून चढ़ाए जाने की वजह से महिला की मौत का आरोप डॉक्टरों पर लगाया. इस मामले में दोषी चिकित्सकों और कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की मांग को लेकर कई बार स्थानीय लोगों और परिजनों ने आवेदन दिया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर मंगलवार को लोगों का धैर्य टूट गया. स्थानीय लोगों ने दरभंगा-लहेरियासराय सड़क को घंटों जाम कर प्रदर्शन किया.

गलत खून चढ़ाने से हुई महिला की मौत
इस मौके पर दलित शोषित मंच के परमेश्वर दास ने बताया कि गंगा देवी की मौत गलत खून चढ़ाने से प्रसव के दौरान डीएमसीएच में हुई थी. उन्होंने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. उनके कुल चार बच्चे हैं. बच्चों की देखभाल कैसे होगी इसको लेकर चिंता है.

प्रदर्शन कर रहे लोग

मांगें नहीं मानी तो उग्र होगा आंदोलन
उन्होंने कहा कि मृतक महिला के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने, परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने और दोषी चिकित्सकों-कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग को लेकर उन्होंने कई बार आंदोलन किया है. लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. इसी को लेकर लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया है. अगर ये मांगें नहीं मानी जाती है तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

पेश है रिपोर्ट

थाना नहीं दर्ज कर रहा एफआईआर
बता दें कि 17 मई को मृतक गंगा देवी की मौत के बाद डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम ने मामले में जांच का आदेश दिया था. इसके बाद डीएमसीएच के तीन कर्मियों को मामले में निलंबित किया गया था. लेकिन मामले को लेकर जिला प्रशासन ने कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई. परिजन अब खुद से एफआईआर दर्ज कराना चाहते हैं. परिजनों का आरोप है कि थाना उनकी एफआईआर नहीं ले रहा है. इसको लेकर लोगों में काफी गुस्सा है.

Last Updated : Jun 27, 2020, 7:20 PM IST

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