दरभंगा: जिले में बाढ़ का कहर जारी है. आए दिन बाढ़ का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है. जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है. लोग जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर सड़क या फिर ऊंची जगहों पर शरण लिये हुए हैं. बाढ़ का विकराल रूप इस प्रकार से फैला है कि लोग भगवान से विनती करने के लिए मंदिर और मस्जिद भी नहीं जा सकते.
मंदिर और मस्जिद जाने वाला रास्ता भी बाढ़ की चपेट में है. ऐसे में लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जब कई दिनों तक बाढ़ का पानी कम नहीं हुआ, तो चांडी के लोगों ने खुद ही गांव की मुख्य सड़क से मस्जिद तक जाने के लिए चचरी पुल का निर्माण किया. इस चचरी पुल के सहारे ही मस्जिद की छत पर जाकर लोग पांच वक्त का नमाज अदा कर रहे हैं.
श्रमदान कर चचरी पुल का निर्माण
दरअसल बहादुरपुर प्रखंड के चांडी गांव में पिछले 5 दिनों से बाढ़ के पानी ने अपना डेरा जमा रखा है. लोगों को बाढ़ की तेज धारा में चलकर नमाज अदा करने में काफी कठिनाईयां हो रही थी. जब कोई समाधान नहीं दिखा तो ग्रामीणों ने गांव में एक पंचायत बुलाई और आपस में चंदा एकत्रित किया. श्रमदान करके सड़क से मस्जिद तक बांस का एक चचरी पुल कुछ ही घंटों में बना डाला.
मस्जिद के अंदर घुसा बाढ़ का पानी
मस्जिद के मौलवी तौकीर रहमान ने कहा कि सैलाब के चलते मस्जिद के अंदर 5 से 6 फीट तक पानी लगा हुआ है. इसके चलते यहां के लोग मस्जिद की छत पर खुले आसमान के नीचे पांच वक्त का नमाज पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार का सैलाब ज्यादा ही खतरनाक महसूस हो रहा है. बाढ़ पीड़ित खौफ और दहशत के साये में सड़क के किनारे अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
सरकार की ओर से कोई मदद नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि घर बाढ़ की धार में टूट गया है. सड़क से घर जाने के रास्ते पर 5 फीट पानी बह रहा है. लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. अगर समय पर प्रशासन ने इस रास्ते को ऊंचा कर बनवा दिया होता तो आज हमें इतनी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता. पिछले 5 दिनों से हम लोग सड़क के किनारे तंबू लगाकर रह रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है.