दरभंगा : दरभंगा में बाढ़ पीड़ितों की सबसे दर्दनाक तस्वीरें देखने को मिली है. जहां जिले के हायाघाट प्रखंड के अकराहा गांव के लोग नवनिर्मित रेलवे ट्रैक के किनारे एक शव का दाह संस्कार कर रहे थे. क्योंकि बाढ़ के पानी ने पहले से ही उनके खेत खलियान, गांव, घर सहित श्मशान में भी अपना कब्जा जमा रखा है. ऐसे में शमशान में एक इंच भी जमीन सुखी नहीं है, जहां शव का अंतिम संस्कार किया जा सके. वहीं दूसरी तरफ इस जगह अभी भी सैकड़ों बाढ़ पीड़ित लोग अपना आशियाना बनाकर रह रहे हैं.
रेलवे ट्रैक के किनारे शव का दाह संस्कार करने को मजबूर हैं लोग
रेवले ट्रैक के किनारे ही किया शव का अंतिम संस्कार
दरअसल चारों तरफ बाढ़ का पानी होने के कारण पूरी जमीन जलमग्न है. ऐसे में रेलवे ट्रेक के किनारे अपना आशियाना बनाकर रह रहे बाढ़ पीडि़तों के बीच 80 वर्षीय सरस्वती देवी की मौत हो गई. जिसके बाद लोगों ने रेलवे ट्रेक के किनारे ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया. गौरतलब है कि बाढ़ के पानी के कारण लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थान पर डेरा डाले हुए हैं. बाढ़ पीड़ितों के लिए अब यही उनका घर आंगन है. ऐसे में एक तरफ बाढ़ पीड़ित का आशियाना है, तो दूसरी तरफ लोग लाश जलाने को मजबूर हैं.
चारों तरफ बाढ़ के पानी होने के कारण पूरी जमीन जलमग्न है सूखी लकड़ियां भी नहीं हो रही नसीब
वहीं दूसरी तरफ इन बाढ़ पीड़ितों की मजबूरी ऐसी है कि जलाने के लिए सूखी लकड़ियां भी नसीब नहीं हो रही है. ऐसे में लोग गाय के गोबर से बने गोइठा से शव का अंतिम दाह संस्कार करने को मजबूर हैं. वहीं मृतिका सरस्वती देवी के परिजनों का कहना है कि श्मशान में 15 से 20 फीट पानी रहने के कारण हम लोग इस रेलवे ट्रैक के किनारे अंतिम संस्कार कर रहे हैं. अपने अस्थाई घर के ठीक सामने महज कुछ कदमों की दूरी पर शव का संस्कार करना लोगों की दर्द और बाढ़ की विभीषिका की अनेकों कहानी बयां करती है.