दरभंगा:ऑल इंडिया पासवान एकता मंच के तत्वावधान में सोमवार को लहेरियासराय स्थित प्रेक्षागृह में सोमवार को पासवान स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में LJP (R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई के सांसद चिराग पासवान ने भाग लिया. सम्मेलन के बाद चिराग पासवान ने शिक्षक नियुक्ति में धांधली किये जाने का आरोप लगाया. नीतीश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बैक डोर से एंट्री की जा रही है, बिहार के युवाओं के लिए ठीक नहीं है.
"अगर आपके पास पैरवी है, पहुंच है और पैसा है तो आपको नौकरी मिल जाएगी. अगर ये तीन चीज आपके पास नहीं है, तो आप लाख कोशिश करके रह जाइए आपकी नौकरी नहीं लगेगी. आप जाकर देख सकते हैं कैसे-कैसे लोगों का बहाल किया गया है. सिग्नेचर तक करना नहीं आता है, उनलोगों को नियुक्त किया गया. यह दर्शाता है कि सबसे बड़ा भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में ही हो रहा है."- चिराग पासवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष LJP(R)
मुख्यमंत्री के नाक के नीचे करप्शनः चिराग पासवान ने BPSC शिक्षक बहाली पर कहा कि इसमें जरूर धांधली हुई है और लेनदेन भी हुआ है. जो मुख्यमंत्री कहते हैं कि हम जीरो करप्शन की नीति से चलते हैं. शायद ही इनके अलावा कोई और मुख्यमंत्री होगा, जिन्होंने करप्शन को इतना टॉलरेट किया होगा. भ्रष्टाचार इनके नाक के नीचे होती है और ये आंख बंद करके बैठते हैं. कोई भी अधिकारी हो, विधायक हो, विभाग हो सब जगह बैक डोर चैनल खुले हुए हैं.
डोमिसाइल नीति क्यों हटायाः चिराग पासवान ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री की महत्वाकांझा है कि वह प्रधानमंत्री बने. इसीलिए डोमिसाइल नीति को हटाया गया है, ताकि वह देश भर में दिखाएं कि हमने बिहार में कितने लोगों को रोजगार दिया है. जो मुख्यमंत्री बिहार में बिहार के लोगों को रोजगार नहीं दे पा रहा है, वह देशभर में रोजगार देने का दिखावा कर रहा है. यह मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षा है. वो चुनाव लड़ते हैं या नहीं लड़ते हैं, कम से कम मेरी पीढ़ी को तो यह याद नहीं है की मुख्यमंत्री ने आखिरी चुनाव कब लड़ा था.
चुनाव लड़ने से डर लग रहाः चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे बैक डोर से नियुक्ति करवा रहे हैं उसी तरह बैक डोर से मुख्यमंत्री बन जाते हैं. जो मुख्यमंत्री खुद चुनाव ना लड़ता हो ऐसे में जनता के दर्द को वह क्या समझेंगे. आखरी बार कब इन्होंने लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ा था, दो दशकों में किसी को याद नहीं है. आखरी बार जब चुनाव दो जगह से लड़े थे उसमें से एक जगह से हार गए थे. इस बात का भी डर शायद उन्हें जरूर होगा.
दूसरे राज्य में विकल्प की तलाशः चिराग पासवान ने कहा कि इस बात की चर्चा चल रही है कि वो उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ सकते हैं. इस पर मेरा कहना है कि हां वह वहां से क्यों नहीं लड़ सकते हैं, क्योंकि वह बिहार से तो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. उन्हें पता है कि बिहार में किसी भी सीट से चुनाव लड़ेंगे उनकी जमानत जब्त हो जाएगी. चाहे वह नालंदा लोकसभा सीट ही क्यों ना हो. बिहार की जनता ने जिसे नाकार दिया हो, तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया हो वह दूसरे राज्यों में जाकर अपना विकल्प जरूर तलाश करेंगे.