दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले में जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने सरकार पर जमकर हमला बोला. साथ ही उन्होंने बिहारी युवाओं को रोजगार नहीं मिलने पर उन्हें ही दोषी बताया है. वहीं, बिहार के श्रमिकों के साथ अन्य प्रदेशों में हो रहे सौतेले व्यवहार पर भी जमकर बयान दिया. जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि बिहारी युवाओं को रोजगार नहीं मिलने के पीछे कोई और नहीं बल्कि यहां के बिहारी खुद जिम्मेदार हैं.
बिहार में बंद पड़े कल कारखानों पर नहीं होता बात:वहीं उन्होंने दयानिधि और महानंद जी के बयान पर कहा कि ''जिसके पास जितना ज्ञान और समझ है वह उतना ही बोलेगा''. असम, नागालैंड व अन्य प्रदेशों से बिहार के श्रमिकों को भगाया गया था ना. सवाल यह उठता है कि बिहारी की इतनी दुर्गति क्यों? उन्होंने कहा कि बिहार की दुर्गति बिहारियों के चलते ही है. ये जातपात पर बात करेंगे, लेकिन बिहार में बंद पड़े कल कारखाने को कैसे चालू किया जाए इस पर बात नहीं करते हैं.
डोमिसाइल नीति की मांग को किया नजर अंदाज: वहीं पप्पू यादव ने बिहार सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में जब रोजगार की बात आई तो सरकार ने डोमिसाइल नीति को हटा दिया. हमने मांग की तो उसे नजर अंदाज कर दिया गया. ऐसी स्थिति में यहां के युवाओं को निराशा हाथ लगी. वहीं केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बरसों से बिहार को विशेष राज्य दर्जा की मांग चल रही है. बिहार के अन्य जिलों में एयरपोर्ट खोलने की मांग हो रही है. लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही है.
"दरभंगा के ललित झा पर संसद भवन के अंदर घुसकर हंगामा करने का आरोप लगा है. ललित झा यादव या दलित तो है नहीं. वह तो 10 साल से रोजगार के लिए परेशान था. बेरोजगारी से परेशान होकर जान देने के लिए वह संसद चला गया. ललित झा का यह तरीका गलत हो सकता है. लेकिन उनका इंटेंशन क्या था. उसकी चर्चा नहीं हो रही है. सारे ओलंपिक के पहलवानों ने प्रधानमंत्री मोदी के आवास के सामने अपने पदक को रख दिया. उसकी चर्चा नहीं हो रही है. लेकिन अन्य तरह के विवादित बयानों को देकर लोगों को भ्रमित करने का काम किया जा रहा है." - पप्पू यादव, जाप सुप्रीमो
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