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श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर लोगों ने किया याद, सांसद गोपालजी ठाकुर ने किया नमन - गोपालजी ठाकुर ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दी श्रद्धांजलि

दरभंगा में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर सांसद गोपालजी ठाकुर ने उनको श्रद्धांजलि दी. इस दौरान कई कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया.

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दरभंगा न्यूज

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Published : Jul 6, 2020, 6:13 PM IST

दरभंगा: भाजपा सांसद गोपालजी ठाकुर ने अपने आवासीय कार्यालय में भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया. इस मौके पर सांसद ने कहा कि डॉ. मुखर्जी राष्‍ट्र की एकता और अखंडता के लिए अपना सम्‍पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया. साथ ही जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने के लिए अपना बलिदान दे दिया.

33 वर्ष में बने कुलपति
डॉ. मुखर्जी ने कहा कि यह त्याग, समर्पण और बलिदान सभी देशवासियों को सदैव राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित करता रहेगा. सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि श्यामा प्रसाद जी महान शिक्षाविद थे. बहुमुखी प्रतिभा के धनी भी थे. उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिभा का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि वें 33 वर्ष की अल्प आयु में ही कोलकता विश्वविद्यालय के कुलपति बन गए थे. महात्मा गांधी जी के आग्रह पर नेहरू कैबिनेट में गैर कांग्रेसी केबिनेट मंत्री बने.

उद्योग क्षेत्र को नई दिशा
डॉ. मुखर्जी ने कहा कि केंद्रीय उद्योग मंत्री का कार्यभार संभाला और अपने कुशल नेतृत्व में देश औद्योगिक क्रांति की शुरुआत करते हुए उद्योग क्षेत्र को नई दिशा प्रदान की. 1951 में डॉ. मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की और जनसंघ के पहले अध्यक्ष बने. उन्होंने कहा कि जनसंघ की यात्रा से बढ़कर आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है. उसकी नींव रखने का काम डॉ. मुखर्जी जी ने किया था.

नेहरू सरकार के खिलाफ आंदोलन
डॉ. मुखर्जी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस पार्टी का एक कार्यकर्ता हूं. धारा 370 के कारण जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा और अलग निशान था. वहां के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री कहा जाता था. उस समय डॉ. मुखर्जी धारा 370 से काफी आहत हुए. उन्होंने पूरी ताकत से विरोध करते हुए नेहरू सरकार के खिलाफ आंदोलन कर दिया.

अपने प्राणों की दी आहुति
सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि धारा 370 को समाप्त करने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 'एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे' का नारा दिया था, जो सभी राष्ट्रवादियों के लिए प्रेरणा बनी. अपने इसी कथन पर अडिग रहते हुए श्यामा प्रसाद जी ने अखंड भारत के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का बलिदान व्यर्थ नहीं गया. उनके बलिदान को याद करते हुए उनके दिखाये रास्ते पर करोड़ों कार्यकर्ता दिन रात चले और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश पर काले धब्बे की तरह लगे. धारा 370 और 35ए को हटाकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार किया गया.

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