दरभंगा:महाकवि विद्यापति की पुण्यतिथि (Mahakavi Vidyapati Death Anniversary) के अवसर पर हर साल मनाया जानेवाला तीन दिवसीय 49वां मिथिला विभूति पर्व (Mithila Vibhuti Festival) का बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा (Minister Sanjay Jha) ने तीसरे दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन किया. शुक्रवार की रात से लेकर शनिवार की सुबह तक भारत और नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों से आए मिथिला के कलाकारों ने अपने लोक गीतों की प्रस्तुति से समां बांध दिया.
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बिहार सरकार (Bihar Government) के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि 2020 में बिहार में एनडीए (Bihar NDA) की जो सरकार बनी, वह मिथिला के मतदाताओं की वजह से बनी है. उन्होंने कहा कि दरभंगा, मधुबनी, सुपौल और समस्तीपुर के मतदाताओं ने अगर एनडीए को वोट नहीं दिया होता तो एनडीए की सरकार बिहार में दोबारा नहीं बनती. इसी वजह से बिहार की इस सरकार पर मिथिला के लोगों का अधिकार ज्यादा है.
"मखाना की पहचान मिथिला से ही है. इसलिए इसका जीआई टैग मिथिला मखाना के नाम से ही मिलेगा. बिहार सरकार ने इसकी अनुशंसा का पत्र भेज दिया है. अब नाम को लेकर आपत्ति दर्ज करने को लेकर सूचना जारी की जाएगी जो कि एक औपचारिकता है. उसके बाद मिथिला मखाना का जीआई टैग मिल जाएगा."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार
बता दें कि मखाना का जीआई टैग (GI tag for makhana) पर बिहार में क्षेत्र को लेकर राजनीति (Bihar Politics) शुरू हो गई है. मिथिला की पहचान मखाना के जीआई टैग को लेकर कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने भी कुछ दिन पहले साफ तौर पर कहा था कि मखाना का जीआई टैगिंग 'मिथिला मखाना' के नाम से ही होगा. कुछ लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं.