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लॉकडाउन ने खोले नई जिंदगी के द्वार: पति की मौत के बाद उजड़ चुकी थी नवविवाहिता नेहा की दुनिया - Darbhanga

भाजयुमो जिलाध्यक्ष निर्भय शंकर भारद्वाज की पहल पर सिरहुल्ली गांव के अखिलेश मिश्रा की विधवा बेटी नेहा की शादी जोगियार गांव के कमलेश झा के पुत्र विकास के साथ संपन्न कराई गई. जानकारी के मुताबिक, नेहा की पहली शादी एक साल पहले हुई थी. वहीं, शादी के कुछ ही दिन बाद एक सड़क दुर्घटना में नेहा के पति की दिल्ली में मौत हो गई थी.

दरभंगा
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Published : Apr 18, 2020, 9:35 PM IST

दरभंगा: कोरोना महामारी की वजह से दुनिया बेहद कठिन परिस्थिति से गुजर रही है. महामारी ने लाखों घर उजाड़ दिए हैं. ऐसी परिस्थिति में किसी का उजड़ा घर दोबारा आबाद हो जाए तो इसे सौभाग्य ही कहेंगे. ऐसा ही एक नजारा कमतौल थाना क्षेत्र के मधुपुर गांव के श्यामा मंदिर में देखने को मिला. जहां, लॉक डाउन ने शादी के कुछ ही दिनों बाद विधवा हो चुकी नेहा की नई जिंदगी के द्वार खोल दिए हैं.

शादी में दिखा सोशल डिस्टेंसिंग
दरअसल, भाजयुमो जिलाध्यक्ष निर्भय शंकर भारद्वाज की पहल पर सिरहुल्ली गांव के अखिलेश मिश्रा की विधवा बेटी नेहा की शादी जोगियार गांव के कमलेश झा के पुत्र विकास के साथ संपन्न कराई गई. जानकारी के मुताबिक, नेहा की पहली शादी एक साल पहले हुई थी. वहीं, शादी के कुछ ही दिन बाद एक सड़क दुर्घटना में नेहा के पति की दिल्ली में मौत हो गई थी. जिसके बाद आज मंदिर में नेहा की दूसरी शादी संपन्न कराई गई. शादी में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सभी परिस्थितियों में रखूंगा पत्नी का ख्याल'
खुशी के मौके पर स्थानीय संतोष, सुमन व अन्य समाजसेवी भी मौजूद रहे. दूल्हा बने विकास बेहद खुश दिखाई दिए उन्होंने कहा कि पूरी परिस्थितियों को जान कर वे नेहा के साथ शादी कर रहे हैं. मैं अपनी पत्नी का सभी परिस्थितियों में ख्याल रखूंगा. वहीं, दुल्हन नेहा ने कहा कि उसकी उजड़ी हुई जिंदगी को दोबारा बसाने के लिए उसके पिता और परिवार के लोगों ने जो भी फैसला लिया है. उसे खुशी-खुशी स्वीकार है. वे पिछली बातें भूल कर विकास के साथ नई जिंदगी की शुरुआत कर रही हैं और विकास का साथ जीवन भर निभाएंगी.

'एक लड़की की बस उजड़ी हुई दुनिया'
भाजयुमो जिलाध्यक्ष डॉ. निर्भय शंकर भारद्वाज ने कहा कि हम लोगों ने समाज की कुरीतियों को मिटाने के संकल्प के तहत ये काम किया है. दोनों परिवारों ने इस पर खुशी-खुशी सहमति जताई है. ये एक पहल है. जिससे एक लड़की की उजड़ी हुई दुनिया बस गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि समाज के दूसरे लोगों को भी ऐसी पहल करनी चाहिए, ताकि समाज की कुरीतियों को दूर किया जा सके.

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