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झारखंड के आदिवासी लोकचित्र कला में मधुबनी पेंटिग कलाकारों का जलवा, मंत्रमुग्ध हुए स्थानीय - कला और संस्कृति

झारखंड के नेतरहाट में आदिवासी लोकचित्र कला शिविर का आयोजन किया गया है. इस शिविर में 16 राज्यों के 80 पेंटर भाग ले रहे हैं. मधुबनी से आए लोक कलाकार मैथिली गीत गाकर पेंटिग कर रहे हैं. जो इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

मधुबनी पेंटिग
मधुबनी पेंटिग

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Published : Feb 15, 2020, 3:23 AM IST

दरभंगा/पलामू: झारखंड के नेतरहाट में चल रहे आदिवासी लोकचित्र कला शिविर में मधुबनी से आए लोक कलाकारों ने लोगों का दिल जीत लिया. यहां लोक कलाकार मैथिली गीत गाते हुए मशहुर मधुबनी पेंटिग को बना रहा हैं. जो इलाके के लोगों को काफी भा रहा है. स्थानीय मधुबनी कलाकारों की इस शैली को देखकर मंत्रमुग्ध है.

16 राज्यों के 80 पेंटर ले रहे हैं भाग

बता दें कि आदिवासी पेंटिंग को दुनिया में पहचान दिलाने के लिए डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान की ओर से नेतरहाट में राष्ट्रीय पेंटिंग शिविर का आयोजन किया गया है. इसमें देश के विभिन्न 16 राज्यों के 80 पेंटर भाग ले रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अपनी पेटिंग के माध्यम कलाकार अपने क्षेत्र की कला और संस्कृति को प्रस्तुत कर रहे हैं. वहीं शिविर में भाग ले रहे मधुबनी के लोक कलाकार अपनी पेंटिग के साथ-साथ अपनी कार्यशैली की प्रस्तुती को लेकर काफी चर्चे में है. लोक कलाकार चित्रकला के साथ-साथ गीत गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहे है. सभी पेंटर मधुबनी चित्रकला के चार अलग-अलग भागों को तैयार कर रहे हैं.

'समृद्ध है बिहार की लोककला'

मौके पर मधुबनी से पहुंचे शैलेश कुमार मंडल, सुरेंद्र पासवान, संजीव कुमार झा ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए कहा कि आदिवासी पेंटिंग शिविर का आयोजन एक अच्छी पहल है. इसमें देशभर के चित्रकार एक साथ अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मधुबनी पेंटिंग बिहार की एक समृद्ध लोक कला धरोहर है.

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