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संस्कृत सीखना हो तो चले आइए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि, मिलेगी मुफ्त शिक्षा - संस्कृत सीखना हो तो चले आइए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि

जिन लोगों ने कभी औपचारिक ढंग से संस्कृत की पढ़ाई नहीं की हो, वे यहां आकर संस्कृत पढ़ना, लिखना और बोलना सीख सकते हैं. इसमें विवि के कुलपति समेत सभी जाने-माने शिक्षक क्लासेज लेंगे.

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि

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Published : Jan 29, 2020, 11:30 PM IST

दरभंगा:कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि ने देश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने की एक अनूठी पहल की है. विवि ने सभी के लिए संस्कृत शिक्षण कार्यक्रम के तहत निःशुल्क संस्कृत की शिक्षा देने की कवायद शुरू की है. इसमें देशभर के किसी भी आयु के लोगों को ज्ञान दिया जाएगा.

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जिन लोगों ने कभी औपचारिक ढंग से संस्कृत की पढ़ाई नहीं की हो, वे यहां आकर संस्कृत पढ़ना, लिखना और बोलना सीख सकते हैं. इसमें विवि के कुलपति समेत सभी जाने-माने शिक्षक क्लासेज लेंगे. विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य जन-जन में संस्कृत को पहुंचाना है.

प्रो. सर्व नारायण झा, कुलपति

10 दिनों के भीतर शुरू होगी क्लासेज
जानकारी के मुताबिक अगले 10 दिनों में ये कक्षा शुरू हो जाएगी. यह कोर्स शाम 4 से 5 बजे तक चलेगा. इसमें शुरुआती कक्षाएं वे स्वयं लेंगे. साथ ही इन कक्षाओं की जिम्मेदारी विवि के सभी जाने-माने शिक्षकों को दी गई हैं. इसके लिए पंजीकरण भी शुरू हो चुका है.

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि

26 जनवरी 1961 को हुई थी स्थापना
बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि की स्थापना 26 जनवरी 1961 को दरभंगा राज के आखिरी महाराजा सर कामेश्वर सिंह ने अपने महल को दान में देकर की थी. यह संयुक्त बिहार (वर्तमान में झारखंड समेत) का प्राच्य विद्या में एकमात्र उच्च शिक्षा केंद्र रहा है. यह देश भर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार है. इस पहल के बाद एक बार फिर देश में इसकी चर्चा शुरू हो गई है.

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