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कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि ने 22 प्राचार्यों को किया कार्यमुक्त, HC के आदेश पर कार्रवाई - कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा

जानकारी के मुताबिक इन 22 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति साल 2008 में हुई थी. नियुक्ति के बाद से ही प्रक्रिया में धांधली किए जाने के आरोप लगने लगे थे. मामले पर संज्ञान लेते हुए आखिरकार अब कोर्ट ने इनकी सेवा समाप्त कर दी थी.

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि

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Published : Oct 3, 2019, 11:35 PM IST

दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया है. पटना हाइकोर्ट ने इनकी नियुक्ति में अनियमितता पाते हुए 24 सितंबर को इन्हें कार्यमुक्त करने का आदेश दिया था. विवि ने इन प्राचार्यों खिलाफ कार्रवाई करते हुए कार्यमुक्त करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है.

कुलपति ने दिया आदेश
कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा के निर्देश पर रजिस्ट्रार कर्नल नवीन कुमार ने ये अधिसूचना जारी की है. इनके स्थान पर प्रभावित कॉलेजों में नये प्रभारी प्रधानाचार्य भी बना दिये गए हैं.

कुलपति ने दिया आदेश

प्रधानाचार्यों की सूची निम्नलिखित है:

  • अनिल कुमार ईश्वर- आर संस्कृत कॉलेज (नौबतपुर, पटना)
  • विनय कुमार सिंह- एबी संस्कृत कॉलेज, रहीमपुर, खगड़िया
  • घनश्याम मिश्रा- एमएमएल संस्कृत विद्यापीठ (लोहना, मधुबनी)
  • आभा कुमारी- बीएम संस्कृत कॉलेज (छपरा)
  • राजेंद्र प्रसाद चौधुर- आरबीए संस्कृत कॉलेज (बेदीबन, पूर्वी चंपारण)
  • कंचनमाला पंडित- एमपीएम संस्कृत कॉलेज (रहुआ संग्राम, मधुबनी)
  • अशोक कुमार पूर्वे- एसजे संस्कृत कॉलेज (बाथो, दरभंगा)
  • रवि शंकर झा- पीआरपी संस्कृत कॉलेज (बेगनी, दरभंगा)
  • रामेश्वर राय- बीपीए संस्कृत कॉलेज (सिवान)
  • दिनेश्वर यादव- एलएनआर संस्कृत कॉलेज (जयदेवपट्टी, दरभंगा)
  • अशोक कुमार आजाद- एबी संस्कृत हिंदी विद्यापीठ (खम्हार, बेगूसराय)
  • मनोज कुमार- गवर्नमेंट संस्कृत कॉलेज (काजीपुर, पटना)
  • भगलू झा- आरजी संस्कृत कॉलेज (अहिल्यास्थान, दरभंगा)
  • प्रभाष चंद्र- गवर्नमेंट संस्कृत कॉलेज (भागलपुर)
  • प्रेमकांत झा- नंदन संस्कृत कॉलेज (इशहपुर, मधुबनी)
  • अश्विनी कुमार शर्मा- डीएस संस्कृत कॉलेज (मुजफ्फरपुर)
  • जितेंद्र कुमार- बीबीएस संस्कृत कॉलेज (खरखुरा, गया)
  • सुरेश पांडेय- सिद्धेश्वरी संस्कृत कॉलेज (पचरुखिया, भोजपुर)
  • शिवलोचन झा- केएम संस्कृत कॉलेज (दीप, मधुबनी)
  • दिनेश झा- बीएसआर संस्कृत कॉलेज (पचाढ़ी, दरभंगा)

बता दें कि इनके अलावा भी दो प्रधानाचार्य डॉ. हरिनारायण ठाकुर और डॉ. उमेश प्रसाद सिंह पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उन्हें भी दोषी पाते हुए उनपर भी कार्रवाई हुई है. सभी 20 कॉलेजों में तत्काल प्रभाव से नये प्रभारी प्रधानाचार्य भी नियुक्त कर दिये गए हैं.

विवि ने जारी की अधिसूचना

क्या था पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक इन 22 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति साल 2008 में हुई थी. नियुक्ति के बाद से ही प्रक्रिया में धांधली किए जाने के आरोप लगने लगे थे. कई शिकायतें राजभवन और बिहार सरकार से की गयी. आखिरकार डॉ. रमेश झा और डॉ. दयानाथ ठाकुर ने पटना हाईकोर्ट में इसके खिलाफ साल 2011 में शिकायत दर्ज करायी. मामले पर संज्ञान लेते हुए आखिरकार अब कोर्ट ने इनकी सेवा समाप्त कर दी थी.

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