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DMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़तालः बीमारों की सुध लेने वाला कोई नहीं, भटकने को मजबूर मरीज

डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हड़ताल पर जाने की वजह से मरीजों की होने वाली परेशानियों के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है.

दरभंगा

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Published : Sep 23, 2019, 11:29 AM IST

दरभंगाःबिहार जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर भी अपनी मांगों को लेकर सोमवार को हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे यहां इलाज कराने आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां के जूनियर डॉक्टरों ने खुद को ओपीडी, इमरजेंसी और इनडोर सेवा से अलग कर लिया है. लिहाजा अस्पताल में चिकित्सा कार्य पूरी तरह ठप है.

पेश है रिपोर्ट

'सरकार मांगों को लेकर गंभीर नहीं'
डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर राकेश कुमार ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर सोमवार सुबह के 8 बजे से ओपीडी, इमरजेंसी और इनडोर सेवा से हम खुद को अलग कर लिए हैं. हड़ताल पर जाने के कारण मरीजों की होने वाली परेशानियों के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी. उन्होंने कहा कि हम अपनी मांगों को लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन हमारी मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.

DMCH में सरकार के खिलाफ नारे लगाते जूनियर डॉक्टर्स

क्या है जूनियर डॉक्टरों की मांगें?
जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि मेडिकल अफसरों की बहाली में मेरिट और आयु सीमा को तय किया जाए. उन्होंने मेडिकल अफसरों की बहाली में गृह प्रशुक्षकों को भी शामिल करने की बात रखी. उनकी मांग है कि एक साल एसआर कराने के बाद मेडिकल अफसरों को असिस्टेंट प्रोफेसर के बहाली के लिए भी योग्य माना जाए. उन्होंने पीजी और यूजी की स्टाइपेंड बढ़ाने की भी मांग की.

DMCH में भटक रहे मरीज

सड़कों पर भटक रहे हैं मरीज
अस्पताल में इलाज कराने आए एक मरीज ने कहा कि आंख की जांच करने के लिए मुझे सोमवार को बुलाया गया था. सुबह पहुंचा तो यहां ताला बंद है. मरीज भटक रहे हैं. पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मरीज यहां 30-40 किमी से आते हैं. आने जाने में 400 रुपये खर्च होते हैं. सफर की परेशानी अलग होती है. अगर हमारे पास इतने पैसे होते तो सरकारी अस्पताल क्यों आते?

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