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रामविलास पासवान के समर्थन में उतरे पप्पू यादव, CM नीतीश को बताया धृतराष्ट्र

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव और बाढ़ की स्थिति के समय में चुनाव को लेकर जाप संरक्षक पप्पू यादव ने सीएम नीतीश पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने नीतीश कुमार को धृतराष्ट्र बताते हुए कहा कि वो कलियुग के संजय के सहारे सत्ता चलाना चाह रहे हैं.

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Published : Aug 14, 2020, 1:26 PM IST

Updated : Aug 14, 2020, 1:35 PM IST

jap supremo pappu yadav in support of ram vilas paswan
jap supremo pappu yadav in support of ram vilas paswan

दरभंगा:लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने राज्य में कोरोना के कारण बेहद खराब हालात बताया. इससे बिहाप में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. अब रामविलास और चिराग और रामविलास के समर्थन में जाप संरक्षक और पूर्व सांसद पप्पू यादव भी उतर आए हैं.

पप्पू यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर कई आरोप लगाए. साथ ही उन्होंने सीएम को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें धृतराष्ट्र बता दिया. वहीं, पप्पू यादव ने कहा कि रामविलास पासवान देर से आए, लेकिन दुरुस्त आए हैं. उन्होंने आईना दिखा दिया है. अब उन्हें रास्ता भी दिखाना चाहिए. पप्पू यादव ने कहा कि बिहार नया विकल्प चाहता है. 30 साल के कुशासन राज से निजात पाना चाहता है.

'कलियुग संजय के सहारे सत्ता चला रहे धृतराष्ट्र'
इसके अलावे पप्पू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार धृतराष्ट्र हैं, जो कलियुग के संजय के सहारे सत्ता चलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि धृतराष्ट्र भी अब कालिदास और सूरदास बता रहे हैं. नीतीश कुमार को कलियुग के संजय से बचना चाहिए और बिहार को भी बचाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान हों या चिराग या फिर कोई भी व्यक्ति यदि सच बोलता है तो नीतीश कुमार बिना जल की मछली की तरह छटपटाने लगते हैं. उन्होंने कहा कि रामविलास और चिराग को कालिदास और सूरदास कहने वाले सूर्य को दीपक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. ये लोग अपने पीछे के अंधेरे को देखें.

पेश है रिपोर्ट

'चुनाव में छवि चमकाना चाहते हैं नीतीश कुमार'
इसके साथ ही पप्पू यादव ने विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि नीतीश कुमार चुनाव के समय अपनी छवि चमकाना चाहते हैं. इस पर भी पप्पू यादव ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बचेगा नहीं, जनतंत्र को आप चुनाव की प्रक्रिया में लाएंगे नहीं और 40 फीसदी लोग अगर लाइन में लग कर वोट नहीं डालेंगे तो लोकतंत्र के महापर्व का क्या मतलब ? इसका मतलब आप लोकतंत्र को मार कर सत्ता पाना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव राष्ट्रपति शासन में हो, उसके पहले हो या बाद में हो, लेकिन जो हालात हैं, खास तौर पर बाढ़ और कोरोना वायरस के समय में चुनाव जल्दीबाजी होगी. हम गरीब के साथ सौदा करेंगे. अगर ऐसा हुआ तो वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

Last Updated : Aug 14, 2020, 1:35 PM IST

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