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दरभंगा: स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं का कर्ज माफ करे सरकार- ऐपवा - अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की ओर से स्वंय सहायता समूह में शामिल महिलाओं की कर्ज माफी को लेकर राष्ट्रव्यापी धरना दिया गया. इस मौके पर ऐपवा नेताओं ने स्वयं सहायता समूह को ब्याज रहित कर्ज देने और जीविका दीदीयों को न्यूनतम 15 हजार मासिक मानदेय देने की मांग पर हो रहे देशव्यापी आंदोलनों का समर्थन किया.

government waives debt of women in self-help groups-AIPWA
स्वंय सहायता समूह में शामिल महिलाओं की कर्ज माफी की मांग

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Published : May 29, 2020, 11:01 PM IST

दरभंगा:कोरोना महामारी के कारण स्वंय सहायता समूह में शामिल महिलाओं की कर्ज माफी को लेकर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की ओर से राष्ट्रव्यापी धरना दिया गया. इस धरना प्रदर्शन के दौरान माइक्रो फाईनेंस कंपनियों की ओर दिए गए कर्जों का भुगतान सरकार से करने की मांग की गई.

बता दें कि इस धरना प्रदर्शन के दौरान महिला संगठन ऐपवा ने स्वंय सहायाता समूह को उसकी क्षमता के अनुसार या कलस्टर बनाकर रोजगार का साधन उपलब्ध करवाने और उत्पादों की खरीद के लिए बाजार उपलब्ध करवाने की मांग की. साथ ही स्वयं सहायता समूह को ब्याज रहित कर्ज देने और जीविका कार्यकर्ताओं को न्यूनतम 15 हजार मासिक मानदेय देने की मांग पर चल रहे देशव्यापी आंदोलनों का समर्थन किया.

कर्ज माफी की मांग को लेकर प्रदर्शन

'20 लाख करोड़ के पैकेज में स्वंय सहायता समूह की महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं'
इस मौके पर ऐपवा की जिला सचिव शनिचरी देवी ने कहा कि आज पूरे देश में स्वंय सहायता समूह की महिलायें अपनी जायज मांगों पर विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं. ऐपवा का उन्हें हर दृष्टिकोण से समर्थन है. केन्द्र सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा में स्वयं सहायता समूह के लिए कुछ नहीं है. सरकार की घोषणा में बस इतना है कि एक साल तक उन्हें लोन की किस्त जमा करने से छूट मिलेगी. कर्ज माफ नहीं होगा, बल्कि उन्हें कर्ज जमा करने के समय में छूट दी गई है. एक साल के बाद भी लोन चुकता करना होगा.

कर्ज माफी की मांग करती स्वंय सहायता समूह की महिलाएं

जबरन वसूली जा रही हैं किस्तें
ऐपवा नेता रसीदा खातुन ने कहा कि स्वयं सहायता समूह चलाने वाली प्राइवेट कम्पनियां अभी भी लोन का किस्त जबरन वसूल रही हैं. सरकार बड़े पूंजीपतियों के कर्जों को माफ कर देती है. जबकि जरूरत है कि उनसे कर्ज वसूल किया जाए और गरीब महिलाओं को राहत दी जाए. साथ हीं उन्होंने कहा कि ज्यादातार ग्रुपों को कोई काम नहीं है या फिर महिलायें जो सामान बनाती हैं उसका कोई बाजार नहीं है.

स्वंय सहायता समूह में शामिल महिलाओं की कर्ज माफी की मांग

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