दरभंगा:बिहार में कुछ निजी संस्थानों में पैसे के लिए छात्रों का भविष्य दांव पर लगाने के कई मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन किसी सरकारी लॉ कॉलेज में कानून के जानकार लोग कानून के ही छात्रों का भविष्य दांव पर लगा दें, तो इससे बड़ी विडंबना क्या होगी. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के चंद्रधारी मिथिला लॉ कॉलेज ने ऐसा ही एक कारनामा किया है.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने जारी किया था निर्देश
बता दें बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वर्ष 2005 में कॉलेज के संसाधनों का आकलन करने के बाद यहां एलएलबी कोर्स में छात्रों के लिए नामांकन की सीटें 320 से घटाकर 120 करने का निर्देश जारी किया था. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने इस चिट्ठी को 2005 से लेकर 2020 तक दबाए रखा और यहां 120 के बजाए 320 सीटों पर हर साल बदस्तूर नामांकन होता रहा. इन 15 सालों में निर्धारित सीट के हिसाब से 1800 के बदले कुल 4800 छात्र-छात्राएं कानून की डिग्री लेकर यहां से निकले.
उच्च स्तरीय कमेटी का गठन
इस साल जब विवि की ओर से कॉलेज की समीक्षा के दौरान बीसीआई की 15 साल पुरानी चिट्ठी सामने आ गई तो, कॉलेज और विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में कॉलेज में 2021 के सत्र से एलएलबी में 320 के बजाए 120 सीटों पर ही नामांकन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. अब अचानक से सीटें घटाए जाने पर एलएलबी में नामांकन लेने के इच्छुक छात्रों में रोष है. वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति ने कॉलेज के प्रधानाचार्य के इस रवैये को गैर जिम्मेदाराना बताया है. उन्होंने मामले की जांच और कॉलेज के विकास के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है.
नामांकन से वंचित रह जाएंगे छात्र
कॉलेज के एक छात्र मनीष कुमार ने कहा कि सीएम लॉ कॉलेज में पिछले साल तक एलएलबी में 320 सीटों पर छात्रों का नामांकन हो रहा था. लेकिन इस साल अचानक से सीटों की संख्या 120 कर दी गई है. इससे इस बार कॉलेज का कटऑफ लिस्ट हाई होगा और बहुत से छात्र नामांकन से वंचित रह जाएंगे. उन्होंने कॉलेज से सीटें न घटाने की अपील की है.
संसाधनों की कमी
सीएम लॉ कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ बदरे आलम खान ने स्वीकार किया कि वर्ष 2005 में ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सीएम लॉ कॉलेज को एक चिट्ठी भेजी थी. जिसमें इसके संसाधनों की कमी को देखते हुए एलएलबी में छात्रों के नामांकन की सीटें 320 से घटाकर 120 करने का निर्देश दिया गया था.