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'भारत की हार के लिए नरेंद्र मोदी स्टेडियम जिम्मेदार', कीर्ति आजाद बोले- जब लोग दुखी होते हैं तभी पनौती शब्द ट्रेंड करता है - ETV bharat news

विश्व कप 2023 में भारत की हार के बाद अब राजनीति शुरू हो गई है. संजय राउत और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान का समर्थन करते हुए पूर्व क्रिकेटर सह दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद ने भी भारत को मिली हार का ठीकरा नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर फोड़ा है. पढ़ें पूरी खबर.

दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद
दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 23, 2023, 8:58 PM IST

दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद

दरभंगा: क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइलन मैच में भारत की हार पर राजनीति शुरू हो गई है. भारत की हार के नरेंद्र मोदी स्टेडियम को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. संजय राउत और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान का समर्थन करते हुए अब पूर्व क्रिकेटर सह दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद ने भी भारत को मिली हार का ठीकरा नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर फोड़ा है. कीर्ति आजाद का कहना है कि कोलकाता, मुंबई या चेन्नई सबसे पुराने स्टेडियम है. उन्हीं जगहों पर मैच होनी चाहिए.

"भारतीय टीम पूरे विश्व कप में शानदार खेल दिखाया. हार की वजह नरेंद्र मोदी स्टेडियम हैं. हमारे खिलाड़ियों ने पुराने स्टेडियम में शानदार जीत दर्ज की है. एकाएक नए स्टेडियम में ले जाकर मैच खिलाते हैं. जिसके विकेट के बारे में किसी को कुछ मालूम नहीं है. एक दिवसीय मैच के लिए यह विकेट नहीं बनी हुई थी."-कीर्ति आजाद, पूर्व क्रिकेटर

भारत की हार के लिए नरेंद्र मोदी स्टेडियम जिम्मेदार:1983 की क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य कीर्ति आजाद ने कहा कि नए स्टेडियम में ले जाकर मैच खिलाते हैं. जिसके विकेट के बारे में किसी को कुछ मालूम नहीं है. हमने देखा कि विकेट पर धीमी गेंद रहती है. एक दिवसीय मैच के लिए यह विकेट नहीं बनी हुई थी. पुराने मैच जो भी हुए, वह मैच अच्छी विकेट पर हुए, लेकिन यहां पर पुराने पिच पर मैच खेले गए. जिसके कारण जो गेंद बल्ले पर आना चाहिए था, वह नहीं आया और फाइनल में भारत को हार मिली.

भगवा जर्सी पहनाने की कोशिश:कीर्ति आजाद यहीं नहीं रुके उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय खिलाड़ियों को भगवा जर्सी पहनाने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि नीला ड्रेस रहा है और नीले ड्रेस में हम लोग सदैव खेलते रहे हैं. हमारे धर्म चक्र, जो तिरंगे में जो है. वह भी नीले रंग का है. वह भी हमारे राष्ट्रीय ध्वज का हिस्सा है.

गुस्से का शब्द हो पनौती: वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह पनौती शब्द ट्रेंड में चल रहा है. यह शब्द चंद्रयान जब पहली बार नहीं उतर पाया था तब से पनौती शब्द चलता चला आ रहा है. हम लोग भी उसे देख रहे हैं और यह शब्द लोगों की तरफ से आ रहे हैं. एक आदमी तो सोशल मीडिया पर इसको ट्रेंड नहीं कर सकता है. जब सभी लोग दुखी होते हैं तभी पनौती शब्द का इस्तेमाल करते हैं.

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