दरभंगा: राज्य में बाढ़ के हालात जस के तस बने हैं. लाखों लोग बेघर हैं, कई लोगों की जान जा चुकी है. प्रशासन के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बाढ़ प्रभावित काकीरघाटी गांव से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग-57 के पास अस्थायी आश्रय स्थल बनाकर शरण ले रखी है. ऐसे में किसी भी वक्त कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.
बाढ़ पीड़ितों का नया 'आशियाना' NH-57, बड़े हादसों को 'दावत'
बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि सरकार की ओर से मदद के नाम पर कुछ भी नहीं मिला. ना ही सुरक्षित ठिकाना ना खाने का सामान और ना ही कोई दूसरी मदद. एनएच-57 के पास आश्रय लेने के कारण हमेशा ही जान का खतरा बना रहता है.
सरकार की ओर से मदद के नाम पर कुछ नहीं मिला
बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि सरकार की ओर से मदद के नाम पर कुछ भी नहीं मिला. ना ही सुरक्षित ठिकाना ना खाने का सामान और ना ही कोई दूसरी मदद. घर के अंदर तक पानी घुस आया है जान बचाने की खातिर अब सड़कों पर उतर आए हैं. एनएच-57 के पास आश्रय लेने के कारण हमेशा ही जान का खतरा बना रहता है. पीने का पानी लाने भी काफी दूर जाना पड़ता है.
पुलिस की दलील
वहीं मामले में पुलिस का कहना है कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सड़क को चालू रखने के लिए व्यवस्था की जा रही है. एनएच पर दुर्घटना के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल सड़क पर पत्थर रखे गए हैं, ताकि अस्थायी तौर पर सुरक्षा की जा सके.