दरभंगा: बिहार के वित्त रहित स्कूल-कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मियों की आर्थिक हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है. पैसे के अभाव में राज्य के कई वित्त रहित शिक्षा कर्मियों की मौत तक हो चुकी है. इसके विरोध में ललित नारायण मिथिला विवि के कॉलेजों से जुड़े वित्त रहित शिक्षकों-कर्मियों ने बिहार सरकार का अर्थी जुलूस निकाला. कर्मियों ने विवि मुख्यालय पहुंच कर सरकार और विवि प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. कर्मियों ने सरकार से अनुदान के बजाए वेतनमान देने की मांग की.
दरभंगा के लोहिया चरण सिंह कॉलेज के वित्त रहित शिक्षक डॉ. नवल किशोर सिंह ने कहा कि बिहार में 1980 से ही वित्त रहित शिक्षक और कर्मी कार्यरत हैं. कितने ही साथियों की पैसे के अभाव में मौत हो गई. वित्त रहित शिक्षकों के पढ़ाए हुए छात्र पंचायत से लेकर बिहार और भारत सरकार के कर्मी बन गए. विधायक, सांसद और मंत्री तक बन गए, लेकिन उन शिक्षकों की आर्थिक हालत नहीं सुधरी, जिन्होंने ऐसे छात्रों को निखार कर समाज को दिया. उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट का आदेश है और बिहार सरकार ने भी निर्देश दिया है कि वित्त रहित कॉलेज को अपनी आय का 70 प्रतिशत शिक्षकों-कर्मियों में बांटना है.