दरभंगा: बिहार में भीषण गर्मी से पूरा जन-जीवन त्रस्त हो चुका है. इस चिलचिलाती गर्मी से जहां लोगों का जीना मुहाल है. वहीं, खेतों की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है. यहां लगे नलकूप पिछले कई वर्षों से खराब पड़े हैं. जिससे सिंचाई नहीं होने से खेत में दरार आनी शुरू हो गयी है. पानी नहीं पटने के कारण फसलों का नुकसान हो रहा है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है.
मौसम की बेरुखी से खेतों में पड़ी दरार
किसानों के लिए बड़ी चुनौती
खेत में लगे मूंग की फसल सूख कर बर्बाद होने के कगार पर हैं. अब किसान खेतों में धान का बिचड़ा बोने के लिए प्रकृति पर निर्भर हैं. जिले में लगभग 70 फ़ीसदी लोगों के आजीविका का साधन कृषि और पशुपालन है. लेकिन, यहां के किसानों के लिए समुचित सिंचाई व्यवस्था एक गंभीर चुनौती बनी हुई है. सिंचाई के लिए सरकारी स्तर पर उपलब्ध कराए गए सरकारी नलकूप काम नहीं कर रहे हैं.
20 वर्षों से नलकूप खराब
किसान संतोष यादव ने बताया कि पिछले 20 साल से यहां नलकूप खराब है. पानी नहीं पटने से फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. बारिश के नहीं होने से पूरा खेत बंजर हो गया है. उन्होंने कहा कि गांव में चापाकल के सूख जाने के कारण लोगों में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. दूसरी तरफ खेतों में लगी मूंग की फसल और सब्जियां भी मुरझा गई हैं. अगर सरकारी स्तर पर इस भीषण गर्मी में बंद पड़े नलकूपों को चालू करवा दिया जाता तो किसानों को काफी हद तक राहत मिल जाती.
50% कम हुई बारिश
जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि जून महीने में जितनी बारिश होनी चाहिए थी उससे 50 प्रतिशत कम हुई है. जिससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. इस क्रम में कृषि विभाग ने आकस्मिक फसल योजना चालू किया है. जिसमें रोपनी नहीं होने की स्थिति में धान की जगह अन्य फसल की खेती की जाएगी. वहीं, उन्होंने नलकूप के संबंध में कहा कि दरभंगा जिला में 440 नलकूप हैं. जिसमें से अभी 110 नलकूप चालू हैं. शेष नलकूप को चालू कराने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि बचे नलकूप पंचायत के मुखिया के अधीन रहेगा. इसकी मरम्मत के लिए राशि भी 130 पंचायतों को भेज दी गई है.
इतने हैं नलकूप
बता दें कि खेतों में पानी पटाने के लिए किसान निजी पंपसेट का सहारा ले रहे हैं. किसान को पानी पटाने के लिए 150 रुपया प्रति घंटा की दर से पानी लेना पड़ रहा है. वहीं, सरकारी नलकूप की बात करें तो दरभंगा जिला में 440 सरकारी नलकूप है. जिसमें से मात्र 110 नलकूप चालू अवस्था में है. शेष 330 नलकूप मोटर की खराबी के कारण बंद पड़ा है.