दरभंगा:अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से 1 हजार 300 किलोमीटर का सफर तय कर घर लाने वाली ज्योति के साहस की आज जमकर तारीफ हो रही है. देश ही नहीं, विदेश में भी ज्योति के हौसलों की सराहना की जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने भी ज्योति के जज्बे को सलाम किया है. ईटीवी भारत ने ज्योति से बात की है. इस दौरान ज्योति ने अपनी ख्वाहिश बताई है.
जिले में सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव की बेटी ज्योति ने अपने पिता के लिए वो कर दिखाया था, जिसकी उम्मीद किसी को अपने बेटों से भी नहीं होती. 13 साल की ज्योति ने अपने जख्मी पिता को साइकिल पर बिठाकर तकरीबन 1 हजार 300 किमी की दूरी तय कर उन्हें सकुशल घर पहुंचाया. अब उन्हें भारतीय साइक्लिंग फेडरेशन (सीएफआई) ने ट्रायल के लिए बुलाया है. जिसके लिए लॉकडाउन के बाद वो दिल्ली जाएगी. इस बाबत ज्योति ने क्या कुछ कहा, आईये जानते हैं.
ज्योति ने सीएफआई का ऑफर स्वीकार किया
ज्योति और उसके परिवार के लोग सीएफआई के ऑफर से बेहद खुश हैं. ज्योति के सपनों को तो जैसे पंख लग चुके हैं. ज्योति ने बताया कि उन्होंने सीएफआई के ऑफर को स्वीकार कर लिया है. अगले महीने फेडरेशन के अधिकारी उन्हें लेने दरभंगा आएंगे. ज्योति कहती हैं कि मुझे ज्यादा कुछ इस बारे में पता नहीं है. अगर, देश-प्रदेश और जिले का नाम होता है. तो अच्छी बात है.
उसने बताया कि फेडरेशन ने ट्रायल में सफलता के बाद उसे दिल्ली में रह कर साइक्लिंग की ट्रेनिंग और स्कूल की पढ़ाई साथ-साथ करने का प्रस्ताव दिया है. इसका खर्च फेडरेशन ही उठाएगा. उसने कहा कि वो अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए ही साइक्लिंग की ट्रेनिंग करना चाहती है.
कोरोना राहत कोष के पैसों से खरीदी साइकिल
बातचीत के दौरान ज्योति ने बाताय कि जिस साइकिल से वो अपने पिता को लेकर घर पहुंची. वो उसने सीएम नीतीश कुमार की ओर से कोरोना राहत राशि के मिले 1 हजार रुपये से गुरुग्राम में खरीदी. वहीं, दीदी की साइकिल से उसने साइक्लिंग सीखी. उसकी बड़ी दीदी को साइकिल भी बिहार सरकार की बालिका साइकिल योजना के तहत मिली थी. इसके लिए ज्योति ने सीएम नीतीश कुमार को थैंक्यू बोला है.