दरभंगा: बिहार के दरभंगा में BSEB का छात्र (BSEB Student in Darbhanga) मैट्रिक की परीक्षा देने से वंचित रह गया. मामला शहर के बारकरगंज गायत्री मंदिर मुहल्ले का है. जहां इस बार अमन राज जिला स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा देने वाला था. इस परीक्षा का सेंटर जयानंद उच्च विद्यालय बहेड़ा में दिया गया था. हालांकि परीक्षा में बैठने से पहले एडमिट कार्ड में सब्जेक्ट के कॉलम में हुई चूक की वजह से छात्र को परीक्षा में बैठने नहीं मिला. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से दसवीं के परीक्षार्थियों के लिए डमी एडमिट कार्ड अपलोड किया गया था. अमन राज ने जब पंजीयन रसीद देखी तो उसमें उसका धर्म बदला नजर आया. हिन्दू धर्म के अमन को इस्लाम बताया गया. जहां सब्जेक्ट में हिंदी होनी चाहिए थी तो वहां उर्दू को जोड़ दिया गया.
BSEB 10th Exam 2023: 'ऊर्दू आती नहीं' कल है परीक्षा, बोर्ड की कारस्तानी से परेशान है अमन - दरभंगा में BSEB का छात्र
बिहार के दरभंगा में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की लापरवाही (Negligence of Bihar School Examination Board) देखने को मिली है. बोर्ड की इस लापरवाही की वजह से मैट्रिक के परीक्षार्थी अमन राज को परीक्षा देने से वंचित होना पड़ा है. परीक्षार्थी के पंजीयन रसीद और एडमिट कार्ड में हिंदी सब्जेक्ट की जगह उर्दू कर दिया गया, जिसके बाद से छात्र परीक्षा नहीं दे पाने से काफी परेशान और मायूस है. आगे पढ़ें पूरी खबर...
शिकायत करने पर भी नहीं हुआ बदलाव:गलती का पता लगते ही अमन ने अपने विद्यालय के प्रिंसिपल को इस बात की सूचना दी और जल्द से जल्द गलती को दूर करने का आग्रह किया. वहीं इस मामले में सुधार के लिए कागजात को परीक्षा समिति को दिया गया. वहीं मामले की जानकारी देने के बाद छात्र और उसके अभिभावक भरोसा था कि गलती को जल्द ही सुधार लिया जाएगा. हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और उलटा परीक्षा समिति ने एक बार फिर से वही गलती की जो पहले की हुई थी. सब्जेक्ट के कॉलम में हिंदी के वजय उर्दू ही लिखा छोड़ दिया गया, जिस वजह से छात्र परीक्षा में नहीं बैठ पाया.
एडमिट कार्ड में नहीं हुआ सुधार: हालांकि पंजीयन रसीद में धर्म के कॉलम में इस्लाम के जगह हिन्दू लिखकर पहले की गलती में सुधार दी गई थी, लेकिन एडमिट कार्ड में सब्जेक्ट उर्दू होने की वजह से छात्र को परीक्षा से आखिरकार वंचित होना पड़ा. पूरी घटना से छात्र अमन राज काफी चिंतित है. वह यह सोचना पर मजबूर है कि उसका एक साल बर्बाद हो गया है. चूक से हतास परिजनों ने गलती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि छात्र का एक साल बर्बाद होने की भरपाई कौन करेगा.
"विद्यालय के प्रिंसिपल को इसकी जानकारी दी थी और फिर त्रुटि को दूर करने के लिए उनसे आग्रह भी किया था. त्रुटि सुधार के लिए परीक्षा समिति के पास भेजा गया. हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और उलटा परीक्षा समिति ने एक बार फिर से वही गलती की जो पहले की थी. सब्जेक्ट के कॉलम में हिंदी के वजय उर्दू ही लिखा छोड़ दिया जिस वजह से मैं परीक्षा में नहीं बैठ पाया."-अमन राज, परीक्षार्थी