दरभंगा:उत्तर बिहार और नेपाल के सीमावर्ती जिलों के लोगों के लिए मेडिकल हब माने जाने वाले दरभंगा में बायो मेडिकल कचरे के निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है. इस कचरे में बीमार मरीजों के ऑपेरशन से निकले शरीर के अंश, उन्हें लगाए गए इंजेक्शन के निडिल, ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले दास्ताने, कपड़े आदि आते हैं. यहां चाहे डीएमसीएच जैसा बड़ा सरकारी अस्पताल, अनुमंडल या रेफरल अस्पताल कहीं भी बायो मेडिकल कचरा निस्तारण के लिये इंसीनरेटर मशीन नहीं लगी है.
जिले में बड़े-बड़े निजी अस्पतालों का भी यही हाल है. जिले के अस्पतालों ने एक निजी एजेंसी को बायो मेडिकल कचरा उठाने का ठेका दे रखा है, जो नियमित तौर पर कचरा नहीं उठाती है. सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने इस बात को स्वीकारते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर की एक एजेंसी कचरा उठाने का काम करती है. लेकिन वह काम मे लापरवाही बरत रही है. उसे हर रोज कचरा उठाने का निर्देश है लेकिन एजेंसी ऐसा नहीं करती है. उन्होंने कहा कि जल्द ही व्यवस्था को सुधारा जाएगा.