दरभंगा:जिलाधिकारी राजीव रौशन (DM Rajeev Roshan) की अध्यक्षता में किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organization) बनाने को लेकर नाबार्ड के तत्वाधान में बैठक आयोजित की गई. इसमें डीडीएम नाबार्ड आकांक्षा ने बताया कि दरभंगा में कृषि एवं बागवानी से जुड़े लोगों का 8 उत्पादक समूह बनाने का लक्ष्य भारत सरकार की ओर से मिला था, जो राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम को बनाना था.
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बैठक में राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम के पदाधिकारी या उनके प्रतिनिधि के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और इससे सरकार को अवगत कराने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना है और राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम के कोई पदाधिकारी नहीं आये, इसलिए 8 किसान उत्पादक संगठन बनाने में कोई प्रगति नहीं हो सकी.
डीडीएम नाबार्ड ने बताया कि नाबार्ड को 2 एफपीओ बनाना है, जो 2 प्रखण्ड किरतपुर और कुशेश्वरस्थान में बनाने की योजना है, जिसके अनुमोदन के लिए प्रस्ताव आज की बैठक में रखा जा रहा है. किरतपुर में मक्का, मखाना और मरुआ आधारित किसानों का समूह और कुशेश्वरस्थान में मक्का, मखाना एवं सब्जी आधारित किसान उत्पादक संगठन बनाया जा रहा है. साथ ही, नाफेड द्वारा भी दो प्रखंड बेनीपुर और अलीनगर में उत्पादक संगठन गठन की अनुशंसा की गई.
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जो एफपीओ बनाया जा रहा है, उससे मत्स्यजीवी सहयोग समिति को भी जोड़ा जाना चाहिए, इससे दरभंगा के मछली पालकों को लाभ प्राप्त होता. इस प्रस्ताव को भी सरकार के सामने रखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन बिजनेस मॉडल का होना चाहिए. उत्पादक संगठन में एक समुह की ताकत होती है, जो बाजार में सौदेबाजी कर सकती है. यह संगठन की गतिविधि पर आधारित होता है, जैसे-जैसे समूह की गतिविधि बढ़ती है, वैसे-वैसे संगठन के लाभ में वृद्धि होती है.